उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा एक्शन अब यहां हिंसा की सोचना भी नहीं, सीधे होगी बैंक खाते की जांच
नमाज के बाद उपद्रवी भीड़ और उसके बाद हुई पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों से कहा है इस मामले में किसी को भी बख्शा ना जाए। उन्होंने कहा कि यह दुःखद है कि साजिशकर्ताओं ने अपने कुत्सित उद्देश्यों के लिए किशोरवय युवाओं को सहारा बनाया। ऐसे में मुख्य साजिशकर्ता की पहचान जरूरी है।
यह समझना होगा कि असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसे प्रयास आने वाले दिनों में फिर से हो सकते हैं। इन लोगों का उद्देश्य प्रदेश के शांति-सौहार्द को बिगाड़ना है। हमें एक टीम के रूप में काम करते हुए ऐसी कोशिशों को नाकाम करना होगा।
बैंक खातों एवं संपत्ति का विवरण करें एकत्रित
योगी ने कहा कि अवैध कमाई समाज विरोधी कार्यों में ही खर्च होती है। ऐसे में साजिशकर्ताओं एवं अभियुक्तों के बैंक खातों एवं संपत्ति आदि का पूरा विवरण एकत्रित करें। इनके वित्तीय स्रोत की गहनता से पड़ताल की जाए। डेडिकेटेड टीम बनाकर जांच करें। ऐसे प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें।
उल्लेखनीय है विगत दिनों कानपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, अंबेडकर नगर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक शांति-सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया। इससे पहले 3 जून को कानपुर (Kanpur) में भी ऐसी ही कोशिश की गई थी। तब भी सतर्कता के निर्देश दिए गए थे, जिससे प्रदेश के ज्यादातर जिलों में शांति बनी हुई। यह शांति व्यवस्था चिर स्थायी रहे, इसके लिए सतर्क सावधान रहना होगा।
पुलिस और प्रशासन को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समाजविरोधी कुत्सित प्रयासों पर उत्तर प्रदेश पुलिस व प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्यवाही की गई है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, किंतु हमें हर तरह की परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। पुलिस और प्रशासन 24×7 अलर्ट मोड में रहे।
उन्होंने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं। ऐसे में हमें सभी पक्षों से संवाद बनाए रखना होगा। धर्मगुरुओं एवम सिविल सोसाइटी से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखे। इसके साथ-साथ उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई भी जारी रखी जाए। कार्रवाई ऐसी हो जो असामाजिक सोच रखने वाले सभी तत्वों के लिए एक नजीर बने। माहौल बिगाड़ने के बारे में कोई सोच भी न सके। ऐसे में संवाद और सेक्टर स्कीम लागू की जाए।