IAS राम विलास यादव की एलडीए में बोलती थी तूती करीब एक वर्ष ही एलडीए में तैनात रहे रामविलास यादव
IAS राम विलास की एलडीए में बोलती थी तूती, मुख्तार अंसारी और अफजाल का सरकारी जमीन पर पास कर दिया था नक्शा
IAS राम विलास की एलडीए में बोलती थी तूती, मुख्तार अंसारी और अफजाल का सरकारी जमीन पर पास कर दिया था नक्शा
सपा सरकार के करीबी आईएएस राम विलास यादव एलडीए में तैनात बड़े पैमाने पर भूखंड़ों का समायोजन कराया। यही नहीं बाहुबली मुख्तार अंसारी तथा अफजाल अंसारी का सरकारी जमीन पर उन्होंने ही नक्शा पास किया था।
IAS राम विलास की एलडीए में बोलती थी तूती, मुख्तार अंसारी और अफजाल का सरकारी जमीन पर पास कर दिया था नक्शा
आईएएस रामविलास यादव की एलडीए में खूब तूती बोलती थी। प्राधिकरण सचिव रहते उन्होंने बड़े पैमाने पर भूखंडों के समायोजन किये। नक्शे पास किए। बाहुबली मुख्तार अंसारी तथा अफजाल अंसारी का सरकारी जमीन पर उन्होंने ही नक्शा पास किया था। आज भी उनके समायोजन की गई फाइलें अफसरों की टेबल पर दिखती हैं।
रामविलास यादव तत्कालीन सपा सरकार के काफी करीबी माने जाते थे। लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पद पर उनकी तैनाती वर्ष 2006 में हुई थी। उस समय उनकी पंचम तल तक सीधे पहुंची थी। इसी वजह से प्राधिकरण में उनकी तूती बोलती थी। इंजीनियर से लेकर अधिकारी तक उनके इशारों पर नाचते थे। रामविलास यादव ने जो चाहे वह काम प्राधिकरण में हुए। बड़े पैमाने पर उन्होंने भूखंडों का समायोजन भी किया था। मुख्तार अंसारी तथा अफजाल अंसारी के डाली बाग स्थित कोठी का नक्शा उन्होंने ही पास किया था। इसी मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया था।
करीब एक वर्ष ही एलडीए में तैनात रहे रामविलास यादव
रामविलास यादव करीब एक वर्ष ही एलडीए में सचिव पद पर तैनात रहे। उनकी एलडीए सचिव पद पर तैनाती 10 अप्रैल 2006 को हुई थी। 19 मई 2007 को उनका यहां से तबादला हो गया। एलडीए में उनकी तैनाती जब हुई थी तब सपा सत्ता में थी। मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। लेकिन 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा हार गयी। बहुजन समाज पार्टी सत्ता में आई। इसके बाद 19 मई 2007 को रामविलास यादव का एलडीए से तबादला हो गया। इनकी जगह नए सचिव तैनात किए गए।
नहीं कराई गई मजबूत जांच, इससे बचते रहे रामविलास
वर्ष 2007 से अभी तक एलडीए ने रामविलास यादव के खिलाफ कोई ठोस जांच नहीं की। केवल पिछले वर्ष नक्शे के मामले की ही जांच हुई। जिसमें उन्हें मुख्तार अंसारी तथा अफजाल अंसारी का नक्शा पास करने का दोषी पाया गया। इसके अलावा उन्होंने समायोजन तथा इंजीनियरिंग में भी काफी खेल किए थे। लेकिन ठोस जांच न होने की वजह से कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। अधिकारियों ने जांच में कोई रुचि नही ली