नीति से न्यायालय और नियत से परिवार चलता हैं: राम सिंह
सुलतानपुर, 17 जुलाई। सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानंद नगर के प्रधानाचार्य राम सिंह ने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि नीति से न्यायालय और नियत से परिवार चलता हैं। इस व्यवस्था को अपनाने पर निरन्तर वृद्धि होती है। सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानंद नगर के प्रधानाचार्य राम सिंह का प्रदेश निरीक्षक शिशु शिक्षा समिति काशी प्रदेश (गोरक्ष प्रान्त) गोरखपुर के पद पर पदोन्नति स्थानांतरण हो गया है। इनकी विदाई कार्यक्रम विद्यालय के सभागार में आयोजित हुआ। इस अवसर पर श्री सिंह ने कहाकि आचार्य रहते हुए मैने मोबाइल, वाहन उपयोग नही करूंगा तथा प्रधानाचार्य नही बनूगा लेकिन उसने पीछा नही छोडा। आचार्य परिवार मिलकर कार्य किया। आचार्य कुशल कृषक की भूमिका में हैं। अपने दायित्व का सही निर्वहन किया तो कौए की स्थिति नही होगी। विद्यालय को इस ऊँचाई तक पहुँचाने में आचार्यो का बहुत बड़ा योगदान हैं। संघ के विभाग प्रचारक अजित जी ने कहाकि परिवर्तन नियति है इसलिए इसका कोई दुख और सुख नही हैं। प्रबंध समिति के सदस्य व व्यापारी नेता आलोक आर्या जी ने कहाकि समन्वय में समायोजन की वृत्ति रही वह बहुत सराहनीय हैं।भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रदेश निरीक्षक रामजी सिंह ने कहाकि राम सिंह जी समन्वय की कला को जानते है । विवेकपूर्ण उपायों का उपयोग करते है। अलग अलग तर्को के बीच समन्वय, रास्ते बनाना होता है तो योग्य कार्यकर्ता ढूंढा जाता हैं। उन्होंने कहाकि आधुनिकता के प्रवाह में क्षरण कैसे रोका जाय। इस पर हम सभी को मिलकर कार्य करना है। नए प्रधानाचार्य श्री विक्रम बहादुर सिंह परिहार अपने स्नेह, अपनत्व, अभिभावकत्व के साथ विद्यालय को आगे बढ़ाएंगे। इससे पहले प्रबंधक डॉ विनोद कुमार सिंह ने नए प्रधानाचार्य का शाल पहना कर अभिनंदन तथा प्रधानाचार्य को शाल पहना कर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ आचार्य राज नारायण शर्मा ने किया। अतिथियों परिचय वरिष्ठ आचार्य सूर्य प्रताप सिंह ने किया। कार्यक्रम में विभाग संघचालक डॉ रमाशंकर मिश्र , जिला संघ चालक डॉ ए के सिंह, संभाग निरीक्षक गोपाल तिवारी , बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष हरि दर्शन राम, मंत्री भोलानाथ अग्रवाल, विद्यालय प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष सुनील कुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष श्रीनाथ भार्गव, शैलेन्द्र चतुर्वेदी, पूर्व प्रबंधक शिव नारायण तिवारी, पूर्व प्रधानाचार्य शेषमणि मिश्र, सभी सरस्वती शिशु मंदिरों के प्रधानाचार्य गण आदि रहे।