सुल्तानपुर नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जयसवाल का वित्तीय एवं शासकीय अधिकार सीज
सुल्तानपुर।नगरपालिका परिषद की भाजपा चेयरमैन बबिता जयसवाल की वित्तीय एवं शासकीय अधिक सीज कर दी गई है।लगातार हो रही शिकायतों पर शासन ने यह कार्रवाई की है।हैरानी की बात तो यह है।भाजपा चेयरमैन पर हुई इस कार्रवाई से सबसे ज्यादा खुश भी भाजपा के ही नेता है।शासन ने वित्तीय अनियमितता समेत कई गंभीर आरोपों को संज्ञान में लेते हुए नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जयसवाल के वित्तीय अधिकार को सीज कर दिया है।शासन की कार्यवाही से जिले में हड़कंप मच गया है।नगर पालिका में जनता के हितों के लिए संघर्ष कर रहे सभासदों ने इसे जनता व न्याय की जीत बताया है।नगरपालिका परिषद का जहां बहुमत में परिषद के सभासद बीते तीन सालों से आंदोलनरत है।नगर पालिका अध्यक्ष की सभी विधि विरुद्ध कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं।वित्तीय अनियमितता की शिकायतें भी की गई थी जिसकी जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद शहर की जनता को शासन से कार्यवाही का इंतजार था । सालाना बजट बैठक भी कोरम के अभाव में तीन बार स्थगित की गई । बजट पास न होने के बावजूद पालिका अध्यक्ष ने टेंडर निकाल दिया यही नहीं जल निगम के कर्मचारियों को समायोजित न करने का भी बड़ा आरोप इन पर लगाया गया है । उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल के पति अजय जयसवाल को प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप करने,सरकारी काम में बाधा डालने व लाभ की नियत से ठेके पट्टों में हस्तक्षेप करना भारी पड़ गया है । इसके अतिरिक्त सरकारी पत्र वलियों का अवलोकन करने,खारिज दाखिल प्रक्रिया को अपने हाथ में रखकर विधि विरुद्ध तरीके से काम करने का भी आरोपी बनाया गया है।शासन ने नगर पालिका एक्ट 1916 की धारा 48/2 के तहत चेयरमैन बबीता जयसवाल के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए हैं । पालिका अध्यक्ष के पति को अधिशासी अधिकारी श्यामेंद्र मोहन चौधरी ने पत्र लिखकर नगर पालिका में आने व कागजात का अवलोकन करने पर रोक लगा रखी थी । बावजूद इसके उनका निरंतर नगर पालिका में आना सरकारी कामों में हस्तक्षेप करना सरकारी पत्रावली पर नोटिंग करना जारी था । न्याय की लड़ाई लड़ रहे सभासदों के हाई कोर्ट का रुख करने के बाद बुधवार को हुई बहस के बाद खुद को घिरता देख शासन ने नगरपालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल का वित्तीय अधिकार सीज करते हुए कार्रवाई की है।वित्तीय अधिकार सीज होने से पालिका में आंदोलनरत सभासदों ने खुशी जताते हुए इसे लोकतंत्र और न्याय की जीत बताया है। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि शासन ने इन्हीं सब शिकायतों का संज्ञान लेते हुए इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय पावर सीज की है। साथ ही नोटिस जारी कर दी है।