सुलतानपुर 28 अगस्त/ सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी(प्रशासन) माला बाजपेयी ने सर्वसाधारण को सूचित किया है कि शासन द्वारा रजिस्ट्रेशन नम्बर प्लेट की आड़ में फर्जीवाड़ा रोकने के लिये वर्ष 2019 से पूर्व व्यवसायिक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे वाहन स्वामियों को प्लेट लगवाने के लिये तीन माह का समय देते हुए कहा कि इस प्लेट के बिना वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नही किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कुछ समय से शिकायत मिल रही थी कि विभिन्न टोल प्लाजा से गुजरने वाले कुछ व्यवसायिक वाहनों की नम्बर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नम्बर स्पष्ट या मिटा हुआ होता है या गलत लिखा होता है। कुछ वाहनों के ऐसे भी नम्बर लिखे मिले, जो किसी बाइक या ई-रिक्शा के नाम पर पंजीकृत पाये गये। ऐसे में ओवरलोड वाहन कार्यवाही से साफ बच रहे हैं। नम्बर प्लेट के फर्जीवाड़े को रोकने के लिये एक अप्रैल, 2019 से पहले के पंजीकृत संचालित व्यवसायिक 7500 कि0ग्रा0 सकल यान भार से अधिक भार क्षमता वाले सभी माल वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नम्बर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस प्लेट पर चिप लगी होती है, जिसमें वाहन सम्बन्धी सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध होती है। शासन का मानना है इससे नम्बर प्लेट के फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी। शासन ने ऐसे वाहन स्वामियों को सम्बन्धित वाहन निर्माता के डीलर के माध्यम से तीन माह तक प्लेट लगवाने का समय दिया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि 15.10.2020 के पश्चात वाहन पर हाईसिक्योरिटी प्लेट नहीं लगी पायी, तो वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जायेगा।