मंदिर की जमीन दूसरे के नाम की, नायब तहसीलदार निलंबित:ADM ने की 40 बीघा जमीन के नामांतरण की जांच, गिरदावर-पटवारी सस्पेंड
झुंझुनूंएक दिन पहले
नायब तहसीलदार सहित तीन निलंबित
झुंझुनूं जिले के अडूका गांव में मंदिर की जमीन एक दिन में दूसरे के नाम करने के मामले में नायब तहसीलदार सत्यनारायण सैन, भू अभिलेख निरीक्षक ओमप्रकाश व पटवारी पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया है। पद का दुरुपयोग व राजकार्य में लापरवाही बरतने पर जिला कलक्टर लक्ष्मण कुड़ी ने उनके निलंबन आदेश जारी किए हैं।
निलम्बन काल में तीनों का मुख्यालय उदयपुरवाटी रहेगा। शिकायत की जांच अतिरिक्त जिला कलक्टर ने की। गत 2 सितम्बर को एडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में माना कि नायब तहसीलदार सत्यनारायण सैन ने बिना इजराय आदेश के डिक्री व कुछ दस्तावेजों के आधार पर प्रार्थना पत्र देने के दिन ही वादी को खातेदार बना दिया। एडीएम ने माना कि तीनों ने घोर लापरवाही बरती।
FIR की गई अनुशंसा
ADM ने जांच रिपोर्ट में तीनों के खिलाफ 16 सीसीए के तहत कार्रवाई और तुरंत निलम्बित कर संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाने की अनुशंसा की। रिपोर्ट में लिखा है कि खोले गए नामांतरण, निर्णय व डिक्री उपखंड अधिकारी सूरजगढ़ के संबंध में सक्षम न्यायालय में अपील करने के लिए लिखा जाना उचित होगा।
एक ही दिन में हो गया सब कुछ
मोहन लाल ने 18 फरवरी 2022 को तहसील कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र दिया। उसी दिन नायब तहसीलदार ने पटवारी को कार्रवाई के आदेश दिए गए। 18 फरवरी को ही पटवारी पवन कुमार ने मंदिर की जमीन निजी खातेदार के नाम दर्ज कर दी। उसी दिन भू अभिलेख निरीक्षक ओमप्रकाश ने अपनी रिपोर्ट दे दी। रिपोर्ट के बाद नायब तहसीलदार ने 18 फरवरी को ही नामांतरण को स्वीकृत कर लिया। उसी दिन उसे ऑनलाइन लॉक भी कर दिया गया।
पूर्व सरपंच के नाम कर दी जमीन
अडूका गांव में गोपीनाथ मंदिर की बेशकीमती जमीन है। यह जमीन चिड़ावा नगर पालिका के निकट होने के कारण वर्तमान में इसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। जमीन को लेकर गांव के नीरज सिंह शेखावत व चिड़ावा के बजरंग लाल ने पिछले दिनों एक शिकायत उच्चाधिकारियों को दी थी। इसमें लिखा था कि गांव में गोपीनाथ मंदिर की जमीन को अधिकारियों ने मिलीभगत कर चालीस कच्ची बीघा जमीन अडूका के पूर्व सरपंच मोहन लाल के नाम कर दी।