महंगाई ने तोड़ी लोगों की कमर,सब्जी से लेकर रसोई गैस तक के बढ़े दाम
त्योहार के सीजन में महंगाई की मार से आम आदमी की हालत पतली हो रही है। पेट्रोल-डीजल से लेकर रसोई गैस और खाने-पीने के सामान की कीमत लगातार बढ़ रही है। महंगाई का सीधा असर आम आदमी के जेब पर पड़ रहा है। आम आदमी को अब आने वाली नवरात्र पूजा के बाद पडऩे वाले त्योहार की चिंता सताने लगी है। कम आमदनी वाले लोग खुशियों व परंपरा के इस त्योहार को कैसे मनाएंगे इसे ले उनकी परेशानी बढ़ गई है। सब्जी से लेकर सरसों तेल की बढ़ी कीमत के कारण खाने की थाल से कई व्यंजन अब गायब होने लगे है।बाजार में हरी सब्जी की कीमतों में भी काफी इजाफा होने से आम आदमी परेशान दिख रहा है। बाजार में हरी सब्जी की औसतन कीमत 30 से 40 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची है। परवल, भिंडी, बैंगन, नेनुआ, हरा केला समेत कई सब्जी के दामों में इतना भारी इजाफा देखने को मिला है, जिससे लोग परेशान नजर आ रहे हैं। मंडियों में सब्जी खरीदने वालों की लगने वाली भीड़ अब बहुत कम नजर आ रही है। नवीन सब्जी मंडी के थोक विक्रेता राकेश सोनकर बताते है कि बारिश की वजह बाजार में इनकी आवक घटी है और पेट्रोल-डीजल के दामों में बेहताशा बढ़ोत्तरी भी इसकी बड़ी वजह है।घर का बजट बिगाड़ने में अब रसोई गैस भी पीछे नहीं है। घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1107 रुपया पहुंच गया है साथ ही भवन निर्माण के लिए ईंट, सीमेंट, सरिया, रेत के दाम डेढ़ से दोगुना बढ़े हैं साथ ही मिस्त्री, मजदूर, पलंबर और इलेक्ट्रीशियन के रेट भी पिछले तीन सालों में बढ़े हैं। सबसे ज्यादा तेजी सरिया और रेत पर आई है।आमदनी तो पहले जितनी भी नहीं है, लेकिन महंगाई की वजह से उनका खर्चा बढ़ रहा है और महंगाई का सीधा असर उनकी दिनचर्या पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। अपने बच्चों का पालन पोषण भी अब टेढ़ी खीर हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को महंगाई पर लगाम लगानी चाहिए वरना मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पालने वाले लोगों के लिए भारी परेशानी खड़ी हो जाएगी।