उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा में नहीं बदल पाएंगे मेधावियों की कॉपी कुछ इस तरह उत्तरपुस्तिकाएं भेजने की तैयारी है
नकल माफिया पर अंकुश के लिए बदली व्यवस्था
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान केंद्रों पर अब मेधावी बच्चों की कॉपियां नहीं बदलेगी। 2023 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में बोर्ड ने सभी 75 जिलों में सिलाई वाली उत्तरपुस्तिकाएं भेजने का निर्णय लिया है। पूर्व की परीक्षाओं में नकल माफिया पेपर खत्म होने के बाद केंद्र पर मेधावी बच्चों की कॉपी का कवर पृष्ठ निकालकर कमजोर बच्चों की कॉपी पर लगा देते थे। ऐसे कई मामलों में यूपी बोर्ड ने दोषी स्कूलों को परीक्षा से डिबार करने के साथ ही प्रबंधकों-शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे बचने के लिए 2020 की बोर्ड परीक्षा से नकल की दृष्टि से दस संवेदनशील जिलों मथुरा, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, हरदोई, बलिया, जौनपुर, आजमगढ़, अलीगढ़, गाजीपुर व कौशाम्बी में 10वीं-12वीं की सिलाई वाली उत्तरपुस्तिकाएं भेजने की शुरूआत की गई थी।
इसके सकारात्मक परिणाम मिलने पर बोर्ड की ओर से इस साल गर्वनमेंट प्रेस के अफसरों से सभी 75 जिलों में सिलाई वाली कॉपियां ही सप्लाई करने का अनुरोध किया है। गर्वनमेंट प्रेस ने इसकी प्रक्रिया शुरू करते हुए टेंडर भी जारी कर दिया है। बच्चों को ए के साथ ही बी कॉपी भी सिलाई वाली दी जाएगी।
बोर्ड की कॉपियां स्टेपल होने के कारण मुख्य पृष्ठ निकालकर दूसरी कॉपी से बदलना आसान होता था। नकल माफिया कमजोर या नकल के सहारे पास होने वाले परीक्षार्थियों से रुपये लेकर उनकी कॉपी मेधावी बच्चों की उत्तरपुस्तिकाओं से बदल देते थे। अधिकांश मामलों में तो मेधावी बच्चे या उनके अभिभावक चुप रह जाते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कुछ बच्चों ने हाईकोर्ट में मुकदमा कर दिया। कॉपी की अदला-बदली की बात साबित होने पर बोर्ड की भी खासी किरकिरी हुई। इसे देखते हुए बोर्ड ने दो साल पहले दस जिलों में सिलाई वाली कॉपी भेजने का प्रयोग शुरू किया था। क्योंकि सिलाई को खोला नहीं जा सकता और मुख्य पृष्ठ फाड़ने पर चोरी पकड़ी जाएगी।