70,450 किसानों की सम्मान निधि का सत्यापन नही हुआ
सुल्तानपुर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भी कर्मचारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। सरकार की प्रमुख वरीयता कार्य में शामिल भूलेख सत्यापन जिले में अभी तक पूरा ही नहीं हो पाया है। करीब 70,450 किसानों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भूलेख का सत्यापन नहीं होने के कारण रुक गई है। इससे किसान परेशान हैं। भूलेख सत्यापन नहीं होने के पीछे कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ रही है।
किसानों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई है। इस योजना में किसानों के खाते मैं हर वर्ष दो-दो हजार रुपये की तीन किस्त भेजी जाती है। इससे किसानों को कृषि कार्य कराने में काफी सहूलियत मिलती है। जिले में कृषि विभाग के पोर्टल पर 4,39, 001 किसान पंजीकृत हैं। प्रधानमंत्री किसान व अपात्र किसानों की ओर से धनराशि लेने का ममाला उजागर होने के बाद सरकार इसका सत्यापन करा रही थी
सत्यापन में बड़ी संख्या में अपात्र किसानों के योजना का लाभ लेने की बात सामने आई है। सत्यापन कार्य चल ही रहा था कि सरकार ने गत दिनों किसानों के भूलेख का सत्यापन कराने का आदेश दे दिया था। किसानों के भूलेख सत्यापन की जिम्मेदारी प्रमुख रूप से राजस्व विभाग को सौंपी गई थी। इसमें सहयोग के लिए कृषि विभाग व कृषि रक्षा विभाग को लगाया गया था। सरकार ने भूलेख सत्यापन के रही है।
नहीं हो सका भूलेख सत्यापन, उजागर हो रही कर्मचारियों की लापरवाही
कृषि विभाग के पोर्टल पर 4,39,001 किसान पंजीकृत
‘भूलेख सत्यापन के बाद मिलेगा पैसा’
जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने बताया कि कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत सभी किसानों के भूलेख का सत्यापन कराया जाना है। सत्यापन में अपात्र पाए गए किसानों को नाम इस योजना से हटा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि भूलेख सत्यापन हो जाने के बाद किसानों की रुकी पीएम किसान सम्मान निधि आएगी।
कार्य को प्रमुख वरीयता शामिल सम्मान निधि योजना में फर्जीवाड़ा होने किया था।
जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारी भूलेख सत्यापन की मॉनिटरिंग भी कर रहे थे। इसके बावजूद कुल पंजीकृत 4.39,001 किसानों में से 3,68,551 किसानों के भूलेख का ही सत्यापन हो पाया है। अभी भी करीब 70,450 किसानों के भूलेख का सत्यापन नहीं हुआ है। जिन किसानों के भूलेख का सत्यापन नहीं हुआ है, उनकी सम्मान निधि रुक गई है। पीएम किसान सम्मान निधि रुक जाने से किसान परेशान है। भूलेख सत्यापन नहीं होने के पीछे कर्मचारियों की लापरवाही उजागर