अटल आवासीय विद्यालय में कोरोना निराश्रित बच्चों को मिलेगा प्रवेश
अटल आवासीय विद्यालय की व्यवस्था निर्धन श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य भवन एवं सन्निर्माण में काम कर रहे पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना है।
अटल आवासीय विद्यालय का मॉडल – फोटो : अमर उजाला
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कोरोना के कारण निराश्रित हुए बच्चों को भी अब अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश मिलेगा। योजना की वर्तमान व्यवस्था में किए गए संशोधन प्रस्ताव को शासन की ओर से एनओसी दे दी गई है। ऐसे बच्चों की सूची महिला कल्याण विभाग उपलब्ध कराएगा। योजना के तहत कक्षा छह से 12 तक की निशुल्क आवासीय शिक्षा इन बच्चों को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
अटल आवासीय विद्यालय की व्यवस्था निर्धन श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य भवन एवं सन्निर्माण में काम कर रहे पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना है। योजना में संशोधन के बाद अब श्रमिकों के बच्चों के साथ-साथ कोरोना काल में निराश्रित बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्र बच्चों को भी इसका लाभ मिल सकेगा
योजना की पात्रता शर्तों में भी संशोधन किया गया है। इसके तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो पंजीयन के बाद कम से कम तीन वर्ष बोर्ड की सदस्यता अवधि पूरी कर चुके हों, उनके बच्चों को ही प्रवेश दिया जाएगा। पहले यह अवधि सिर्फ एक वर्ष थी। हालांकि, पंजीकृत कामगार परिवार के अधिकतम दो बच्चों को विद्यालय में पढ़ाई की पात्रता पहले जैसी रहेगी।
कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के पात्र बच्चों का प्रवेश अटल आवासीय विद्यालय समिति (एवीएस) द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर लिया जाएगा। इन पात्र बच्चों के सापेक्ष होने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इसके लिए अटल आवासीय विद्यालय समिति को राष्ट्रीयकृत बैंक में अलग से खाते का संचालन करना होगा। प्रदेश सरकार नए सत्र में 15 नए आवासीय विद्यालयों में भी पठन-पाठन शुरू करने जा रही है.