प्रयागराज शहर में स्कूटी पर निकले प्रयागराज के एडीजी और आईजी तो रोक लिया इंस्पेक्टर ने, तब क्या हुआ

शाहगंज थाने के पास एडीजी ने कंट्रोल रूम में फोन कर अपना दूसरा नाम बताया।
पुलिस की सक्रियता को परखने के इरादे से मंगलवार की शाम अचानक एडीजी प्रेम प्रकाश ने आइजी रेंज केपी सिंह से बातचीत की। इसके कुछ ही देर बाद पुलिसिंग का जायजा लेने के लिए वे स्कूटी लेकर शहर की सड़कों पर निकल पड़े। एडीजी स्कूटी चला रहे
प्रयागराज कंट्रोल रूम में मंगलवार शाम पांच बजे फोन आया। फोन करने वाले ने शाहगंज क्षेत्र में अपनी स्कूटी चोरी जाने की जानकारी दी। नंबर और रंग भी बताया। वायरलेस से सूचना प्रसारित होते ही जगह-जगह पुलिस की नाकाबंदी और चेकिंग शुरू हो गई। कुछ ही देर में शाहगंज इंस्पेक्टर ने थाने के पास दो स्कूटी सवारों को पकड़ा। पुलिस कर्मियों ने चारों तरफ से घेरा तो स्कूटी चला रहे और पीछे सवार व्यक्ति ने हेलमेट उतारा। इसके बाद सभी पुलिसवाले हतप्रभ रह गए। स्कूटी चला रहे थे एडीजी जोन प्रेम प्रकाश और पीछे बैठे थे आइजी रेंज केपी सिंह। पुलिसवालों ने सैल्यूट किया तो दोनों अधिकारियों ने उनकी पीठ थपथपाई। यह टेस्ट चेकिंग पुलिस की सक्रियता जांचने के लिए की गई थी। आइजी ने इंस्पेक्टर शाहगंज जयचंद शर्मा को दो हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया।





हेलमेट उतारते ही एडीजी को देख दंग रह गए पुलिसकर्मी

पुलिस की सक्रियता को परखने के इरादे से मंगलवार की शाम अचानक एडीजी प्रेम प्रकाश ने आइजी रेंज केपी सिंह से बातचीत की। इसके कुछ ही देर बाद पुलिसिंग का जायजा लेने के लिए वे स्कूटी लेकर शहर की सड़कों पर निकल पड़े। एडीजी स्कूटी चला रहे थे और आइजी केपी सिंह पीछे बैठे थे। इसकी भनक किसी को नहीं लगने दी। शाहगंज थाने के पास एडीजी ने कंट्रोल रूम में फोन कर अपना दूसरा नाम बताया। वायरलेस से सूचना प्रसारित होते ही थाने की पुलिस ने चेकिंग शुरू कर दी। तभी इंस्पेक्टर ने वही स्कूटी देखी तो दौड़कर पहुंचे और चाबी निकाल ली। बोले -यह स्कूटी चोरी की है। वह कुछ और कहते, इससे पहले एडीजी और आइजी ने हेलमेट उतार दिया। जब हकीकत समझ में आई तो पुलिसवालों ने राहत की सांस ली। एडीजी जोन ने सभी की पीठ थपथपाते हुए महिला हेल्प डेस्क, कंप्यूटर कक्ष, मालखाना रजिस्टर, विवेचना रजिस्टर व अभिलेखों की जांच की। फिर कोतवाली और कीडगंज क्षेत्र होते हुए नए यमुना पुल पर पहुंच गए। यहां स्कूटी पुलिसकर्मियों को दी और कार में सवार होकर लौटे। एडीजी का कहना है कि पुलिस की सक्रियता जांचने के लिए यह सब किया गया था।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

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