अब बेसिक स्कूलों में नई गाइड लाइन कम छात्रों पर नहीं होंगे प्रधानाध्यापक
उत्तर प्रदेश में बेसिक स्कूलों में कम छात्रों पर नहीं होंगे प्रधानाध्यापक, शासन की इस गाइडलाइन ने बढ़ाई शिक्षकों की टेंशन बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक Teacher अब छात्र संख्या के आधार पर प्रधानाध्यापक बनेंगे। शासन की गाइड लाइन ने जिले के शिक्षकों की टेंशन बढ़ा दी है। वर्ष 2016 में शिक्षकों की पदोन्नति हुई थी, मगर इसके बाद से कोई पदोन्नति न होने के कारण शिक्षक काफी परेशान हैं। छात्र संख्या के आधार पर अब प्रधानाध्यापक के मानक तय होने के बाद सहायक अध्यापक से प्रधानाध्यापक बनने की बांट जोह रहे शिक्षकों को झटका लगा है। जिले में 2399 बेसिक स्कूल हैं पूर्व में शासन ने इन्हें संविलियन किया तो स्कूलों की संख्या आधी रह गई हैं, इनमें प्रधानाध्यापक पद है मगर बिना संविलियन स्कूलों के कार्यवाहक प्रधानाध्यापकों के सहारे कार्य चल रहा है। विभाग की मानें तो अब पदोन्नति करने और प्रधानाध्यापक पद के लिए कोई आदेश नहीं हैं। स्कूलों में छात्र संख्या के हिसाब से प्रधानाध्यापक रखे जाएंगे। हालांकि पदोन्नति को लेकर मामला कोर्ट में विचारधीन है तो उसके निर्णय के बाद ही विभाग आगे कुछ करेगा। 100 और 150 बच्चे अनिवार्य परिषदीय स्कूलों में प्रधानाध्यापक बनाने के लिए शासन ने जो गाइड लाइन जारी कि है उसमें प्राथमिक विद्यालय में 100 और उच्च प्राथमिक में 150 छात्र संख्या अनिवार्य है। यदि छात्र संख्या कम रहती है यहां प्रधानाध्यापक नहीं होगा, छात्र संख्या बढ़ने पर प्रधानाध्यापक बनेंगे। जिले की बात करें तो यहां अधिकांश स्कूलों में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2016 में जो पदोन्नति हुई उसमें काफी संख्या में शिक्षक प्रधानाध्यापक बन गए थे। शिक्षक संगठन भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। शासन ने छात्र संख्या के आधार पर बेसिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक बनाने के निर्देश दिए हैं। पदोन्नति को लेकर मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। शासन की गाइड लाइन पर विभाग में कार्य होता है। जिन स्कूलों में कार्यवाहक व प्रधानाध्यापक नहीं हैं उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। वहीं, से आदेश आने के बाद कार्यवाही शुरू की जाएगी