अब यूपी बोर्ड के बच्चे पढ़ेंगे सावरकर की जीवनी,ऐसे मिली थी ‘वीर’ उपाधि उत्तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा परिषद के सिलेबस में हुआ बदलाव

उत्तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा परिषद के तहत अब सिलेबस में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी को शामिल कर दिया गया है. यूपी बोर्ड 9वीं से 12वी क्लास के सिलेबस में सावरकर के अलावा 50 अन्य महापुरुषों की जीवन गाथा को भी शामिल किया गया है. आइए जानते हैं सावरक से जुड़ी बातें. 1. प्रमुख स्वतंत्रा सेनानियों में एक विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 में हुआ था. 2. सावरकर अंग्रेजों के साथ-साथ विदेशों से आई वस्तुओं के भी विरोधी थे. उन्होंने साल 1905 में दशहरा के दिन विदेश से आई सभी वस्तुओं और कपड़ों को जलाना शुरू कर दिया. 3. साल 1857 की क्रांति पर उन्होंने ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस’ किताब लिखी, जिसमें उन्होंने गुर्रिला वार स्टाइल का उल्लेख किया. युद्ध की यह रणनीति को सावरकर ने लंदन में सीखा था. इस किताब को ब्रिटिश एम्पायर ने प्रकाशित नहीं होने दिया था. हालांकि मैडम भीकाजी कामा ने इसे प्राकाशित कर दिया और नीदरलैंड, जर्मनी और फ्रांस में इसकी प्रतियां बांटी गईं. 4. नासिक जिले के कलेक्टर जैकसन की हत्या के लिए नासिक षड्यंत्र कांड के आरोप में 7 अप्रैल, 1911 को काला पानी की सजा सुनाई थी. वे 4 जुलाई, 1911 से 21 मई, 1921 तक पोर्ट ब्लेयर की जेल में रहे. 5. उन्होंने ‘हिंदुत्व’ शब्द को गढ़ा और हिंदू धर्म की विशिष्टता पर जोर दिया. जो सामाजिक और राजनीतिक साम्यवाद से जुड़ा था. 6. पत्रकार, शिक्षाविद, लेखक, कवि और नाटक व फिल्म कलाकार प्रल्हाद केशव अत्रे ने सावरकर को ‘स्वातंत्र्यवीर’ की उपाधि दी थी. बाद में सिर्फ ‘वीर’ टाइटल सावरकर के नाम के साथ जुड़ गया. 7. ऐसा भी कहा जाता है कि कई मु्द्दों पर महात्मा गांधी और सावरकर के विचार बहुत अलग थे. उन्होंने गांधी के ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का विरोध भी किया. सावरकर का निधन 26 फरवरी 1966 को हुआ था.

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

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