दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रणालियां विकसित करने के उद्देश्य से डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) परियोजना शुरू की है।
उपयोगकर्ताओं को वित्तीय और व्यक्तिगत नुकसान से बचाया जा सकता है.
इसके अतिरिक्त, सरकार ने दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं
संचार साथी पोर्टल : दूरसंचार विभाग ने नागरिक केंद्रित संचार साथी पोर्टल (www.sancharsaathi.gov.in) विकसित किया है, जो दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग से संबंधित मामलों की रिपोर्टिंग के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान करता है, जो निम्नानुसार हैं:
क. संदिग्ध धोखाधड़ी संचार और अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) की रिपोर्ट करना;
ख. अपने नाम पर जारी मोबाइल कनेक्शनों के बारे में जानना तथा उन मोबाइल कनेक्शनों को काटने के लिए रिपोर्ट करना जिनकी या तो आवश्यकता नहीं है या जो उन्होंने नहीं लिए हैं;ग. व्यक्तिगत रूप से निर्धारित सीमा से अधिक 77.61 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए हैं।
घ. साइबर अपराध या धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल 2.29 लाख मोबाइल फोन को पूरे भारत में ब्लॉक किया गया।
ई. चोरी/गुम हुए 21.03 लाख मोबाइल फोन में से लगभग 12.02 लाख का पता लगा लिया गया है।
एफ. गलत भावना से एसएमएस भेजने में शामिल लगभग 20,000 संस्थाओं, 32,000 एसएमएस हेडर और 2 लाख एसएमएस टेम्पलेट्स को डिस्कनेक्ट किया गया।
जी. बैंकों और पेमेंट वॉलेट्स द्वारा लगभग 11 लाख खातों को फ्रीज कर दिया गया है, जो फर्जी/जाली दस्तावेजों के आधार पर लिए गए डिस्कनेक्टेड मोबाइल कनेक्शनों से जुड़े थे।
h. लगभग 11 लाख व्हाट्सएप प्रोफाइल/अकाउंट व्हाट्सएप द्वारा बंद कर दिए गए हैं जो फर्जी/जाली दस्तावेजों पर लिए गए डिस्कनेक्ट किए गए मोबाइल कनेक्शन से जुड़े थे।
आई. 71,000 प्वाइंट ऑफ सेल (सिम एजेंट) को काली सूची में डाल दिया गया है। कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 365 एफआईआर दर्ज की गई हैं।