गणतंत्र दिवस पर पहली बार मुख्य अतिथि होंगे मिस्र के राष्ट्रपति,उनकी सेना की एक टुकड़ी भी करेगी मार्च, जानें यह अवसर क्यों
गणतंत्र दिवस पर पहली बार मुख्य अतिथि होंगे मिस्र के राष्ट्रपति, उनकी सेना की एक टुकड़ी भी करेगी मार्च, जानें यह अवसर क्यों है भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी शामिल हो रहे हैं. गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे अब्देल फतह अल-सिसी गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र की सेना का एक सैन्य दल भी भाग लेगा भारत-मिस्र द्विपक्षीय व्यापार ने 2021-22 में 7.26 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की नई दिल्ली. भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी (Abdel Fattah El-Sisi) मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे. राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ पांच मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा. यह पहली बार है कि मिस्र के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र की सेना का एक सैन्य दल भी भाग लेगा. आपको बता दें कि मिस्र के राष्ट्रपति ने पहले अक्टूबर 2015 में तीसरे भारत अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए और सितंबर 2016 में राजकीय यात्रा पर भारत का दौरा किया था. भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं. 2022-23 में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को भी ‘अतिथि देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है. खबर के मुताबिक राष्ट्रपति सिसी का कल राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया जाएगा. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शाम को अतिथि गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगी. PM मोदी से होगी चर्चा मिस्र के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर द्विपक्षीय बैठक और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भी राष्ट्रपति सिसी से मुलाकात करेंगे. आकाशवाणी द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत और मिस्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने 2021-22 में 7.26 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की. मिस्र को 3.74 बिलियन भारतीय निर्यात और मिस्र से भारत को 3.52 बिलियन आयात के साथ दोनों देशों का व्यापार काफी संतुलित नजर आया है. 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने रसायन, ऊर्जा, कपड़ा, परिधान, कृषि-व्यवसाय और खुदरा सहित मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3.15 बिलियन डॉलर का निवेश किया है.