अंबेडकर नगर का उपमहाद्वीप तहसील टांडा!
रंगीन मिजाज़ एडीओ पंचायत से जुड़े ‘सेक्स चैटिंग’ के किस्से जनपद के लोगों की ज़ुबान पर चढ़े
अंबेडकर नगर का उपमहाद्वीप तहसील टांडा!
रंगीन मिजाज़ एडीओ पंचायत से जुड़े ‘सेक्स चैटिंग’ के किस्से जनपद के लोगों की ज़ुबान पर चढ़े!*
लखनऊ की रहने वाली एक पढ़ंकू लड़की ने ,
उन्हें किसी मेल मुलाकात के दौरान दिली तौर पर ,
थोड़ी देर के लिए पसंद आ गई ।
और वे उससे ‘गंगा जमुनी मिलन’ के लिए बेचैन हो उठे ।
*एडीओ पंचायत गंगाराम गुप्ता साहब सारी मर्यादाओं को ताक पर रखकर ….*
वीडियो कॉलिंग के माध्यम से ….
‘मुसीबत का सामान’ देखने की हसरत नहीं रोक सके !
और उस मॉडर्न गर्ल ने राम तेरी गंगा मैली का वह सीन दिखा दिया …..
जो अबोध शिशु के लिए अमृत कुंड होता है ।
*वायरल वीडियो जनपद क्या, समाज के बीच गर्म लावे की तरह पिघल कर बहने लगा।*
साहब ने उसे फैजाबाद से अंबेडकर नगर स्थित टांडा रोडवेज पर मिलने का दर पता भी मुकम्मल कर दिए।
रोटी की भूख खत्म होने के बाद….
पद और गरिमा के साथ जब दौलत का अंबार लग जाता है तब,
इस तरीके की हरकत और हसरत इंसान की एक मजबूत नैसर्गिक जरूरत बन जाती है ,
*जिस की गिरफ्त में गंगा राम साहब आ गए तो कोई बड़ी बात नहीं!*
बढ़ती हुई उम्र में इस तरीके की रासलीला रचाने के शौकीन….
रंगीन मिजाजों के किस्से कहानियां कोई नई चीज नहीं है ।
मगर समाज में पैदा होने वाली सड़क छाप मजनू गीरी ….
जब एक प्रतिष्ठित व्यक्ति करने पर उतर आए तो,
उसकी बदबू बहुत दूर तक जाती है। फिलहाल साहब ने कहा कि उन्हें फसाया जा रहा है।
*ऊपर से कोढ़ में खाज, बचाव में एस.डी.एम .टांडा का शर्मनाक बयान:*
इस शर्मनाक घटना के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने ,
जनपद के एक युवा पत्रकार से कहा कि,
*अभी कोई कंप्लेंट नहीं आई है।*
इस तरह की खबर वायरल होने से क्या होता है ?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ऐसी खबरें आप प्रसारित नहीं कर सकते ।
*एक तरफ जहां कानून व्यवस्था किसी बुराई के संज्ञान में आते ही, खुद सक्रिय होकर ऐसी गंदगी को दूर करने में मददगार साबित होता है*!
वहीं एसडीएम टांडा ने ….
अपने एडीओ पंचायत के लिए जिस तरीके का बयान दिया है….
वह साधारण बात नहीं है ।
एक निष्पक्ष और गंभीर जांच ही इस विषय वस्तु को तय करेगी कि ,
‘वायरल पिंक फायर’…..
केवल सेक्स चैटिंग है ?
*या ‘आओ हम सब मिले मिलाएं’ योजना के तहत कोई रंगीन कार्यक्रम ?*
अब तक इस तरह के कितने कार्यक्रम प्रायोजित हो चुके हैं !
इसे निष्पक्ष जांच के बाद ही जाना जा सकता है कि,
पूरे मामले का सच क्या है ?