डीजीपी को पत्र लिखकर कहा सर,मेरी पत्नी को आशिक मिजाज दरोगा से बचाओ

एक इंजीनियर ने आशिक मिजाज दरोगा की शिकायत डीजीपी को पत्र लिखकर की है। इंजीनियर ने अपनी पत्नी को छुड़ाने की गुहार लगाई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर – फोटो

लखनऊ पुलिस के एक दरोगा की आशिक मिजाजी से पीड़ित इंजीनियर सप्ताह भर से डीजीपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर काट रहा है। एक शिकायत की जांच करते हुए दरोगा ने उसकी पत्नी पर डोरे डाले। दरोगा उसकी गैरमौजूदगी में पत्नी से मिलने घर आने लगा। एक दिन अचानक आ धमके इंजीनियर ने दरोगा को अपनी पत्नी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया।इस पर दरोगा उसे झूठे केस में फंसाने और हत्या करवाने की धमकी देने लगा। पीड़ित इंजीनियर जेवर एयरपोर्ट में काम कर रही एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में जॉब करता है। वह पत्नी के साथ लखनऊ में इंदिरानगर के इस्माइलगंज में किराये के मकान में रहता था। दो साल पहले उसने एक प्रॉपर्टी डीलर को प्लॉट खरीदने के लिए रुपये दिए थे। उसने प्लॉट नही दिया और रुपये भी हड़प लिएइंजीनियर चिनहट कोतवाली में शिकायत लेकर पहुंचा तो इसकी जांच कमाता चौकी इंचार्ज रहे दरोगा मनोज कुमार सिंह को मिली। यही से दरोगा ने उसकी पत्नी पर डोरे डालना शुरू किया और मामला यहां तक पहुंच गया।

50 हजार रुपए रिश्वत लेने के बाद पत्नी से बनाये संबंध
पीड़ित इंजीनियर के मुताबिक उनकी पोस्टिंग शहर से बाहर थी इसलिए केस की पैरवी के लिए उसकी पत्नी ही दरोगा के बुलाने पर कमाता चौकी जाती थी। दरोगा ने प्रॉपर्टी डीलर से उसके पैसे वापस दिलाने के एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत मांगा। पीड़ित ने पत्नी के कहने पर दरोगा को 50 हजार रुपए दे दिए लेकिन उसके रुपये वापस नही मिले। इसके बाद दरोगा उसकी पत्नी को हर रोज चौकी बुलाने लगा और दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। बनारस ट्रांसफर हुआ तो छुट्टी लेकर मिलने आया लखनऊ
दरोगा मनोज सिंह का बनारस ट्रांसफर हो गया लेकिन वो इंजीनियर की पत्नी से मिलने के लिए सप्ताह भर से छुट्टी लेकर लखनऊ में ही पड़ा हुआ है। पीड़ित इंजीनियर के मुताबिक उसे मकान मालकिन से पता चला कि कोई पुलिसवाला अक्सर उसके घर आता जाता है। इस पर 26 जनवरी को वो अचानक घर पहुंच गया। उसने धक्का देकर दरवाजा खोला तो बेडरूम में दरोगा उसकी पत्नी के साथ आपत्तिजनक हालत में था। पीड़ित का कहना है कि पकड़े जाने पर दरोगा उसे धमकी देने लगा।

पत्नी पर दबाव बनाकर इंजीनियर को उसके ही घर से निकलवा दिया

पीड़ित ने बताया कि वह दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी कार्यालय पहुंचा तो प्रार्थना पत्र लेकर उसे टरका दिया गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर के पास गया लेकिन वहां भी केवल आश्वासन ही मिला। उधर इसकी जानकारी होने पर दरोगा ने पत्नी पर दबाव बनाकर उसका सारा सामान घर से बाहर फेंकवा दिया। हालात यह है कि पीड़ित इंजीनियर होटल में कमरा लेकर रात गुजार रहा है और दरोगा उसकी पत्नी के साथ उसके ही घर में रह रहा है।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

सुलतानपुर 23 अगस्त/वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत बैंक ऑफ़ बड़ौदा सुलतानपुर व वाराणसी कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय तक पहुंच बनाने हेतु जन सुरक्षा संतृप्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार श्री एम. नागराजू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त चांद, महाप्रबंधक विमल कुमार नेगी, अंचल प्रमुख शैलेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, प्रशिक्षु आईएएस रिदम आनन्द सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं बैंक ऑफ बड़ौदा समूह के अधिकारी/कर्मचारीगण, स्वयं सहायता समूह के सदस्य आदि मौजूद रहे।  
          मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का पुष्पगुच्छ व ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। पल्लवी नाट्य संस्थान के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
         तत्पश्चात कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्रालय के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन योजनाओं पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई, पीएमजेडीवाई, खाता खोलने, नामांकन के महत्व, पुनः-केवाईसी और डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं तक निर्बाध पहुंच और धोखाधड़ी की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खातों के अन्तर्गत बहुत बड़ी संख्या में अभी तक लोगों द्वारा ईकेवाईसी व नॉमिनी आदि का अंकन नहीं किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से वित्तीय समावेशन का  जनजागरूकता  अभियान चलाकर आम जनमानस तक बैंकिंग सेवाओं की पहंुच बढ़ाना है तथा लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
        वित्त सचिव महोदय ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से अब तक देश की 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को कवर कर लिया गया है, अब तक 21 लाख  लोगों का प्रधानमंत्री जनधन खाता खुल चुका है, 23 लाख लोग पीएम जीवन सुरक्षा योजना, 40 लाख लोग प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं 8.5 लाख लोग अटल पेंशन योजना का लाभ ले रहे है।
        मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बैंकों के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराया जाता है। यहां उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा बैंकिंग सम्बन्धी समस्त सुविधाएं निचले स्तर तक लोगों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
        वित्तीय समावेशन कार्यशाला में बड़ी संख्या में समूह की महिलाओं व् बी.सी. सखियों ने भागीदारी की, मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पात्र लाभार्थियों- सीमा देवी को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, किरन देवी, मुफीद अहमद, दीपक कुमार, अजीत कुमार मिश्रा को पीएमजेजेबीवाई योजनान्तर्गत 2-2 लाख रुपये का चेक वितरित किया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह- प्रधान महिला जय बजरंगबली, शिव शक्ति, मॉ काली प्रेरणा को 6-6 लाख रुपए का चेक वितरित किया गया।

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