नोएडा से बड़ी खबर : महामाया बालिका इंटर कॉलेज में बड़ा फर्जीवाड़ा, फर्जी निकली प्रधानाचार्य की डिग्री, जानिए कैसे हुई नियुक्ति सांठगाठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिए और महामाया बालिका इंटर कॉलेज में नौकरी पा ली।
जीबीयू प्रशासन ने भेजा नोटिस
जिला विद्यालय निरिक्षक की जांच में दो बार प्रतिभा चौधरी को दोषी पाया गया है। इसके बाद जीबीयू प्रशासन ने 15 दिन का नोटिस भेज कर जवाब देने को कहा है। दिल्ली के रहने वाले नागेंद्र सिंह ने इस मामले की शिकायत डीआईओएस डॉ धर्मवीर सिंह से की थी। 13 अगस्त 2021 को जांच पूरी करके डीआईओएस ने रिपोर्ट शासन के पास भेज दी थी। प्रतिभा चौधरी के अलावा इस मामले में टीचर मीनाक्षी को भी फर्जीवाडे में दोषी पाया गया था।उन्होने मामले की फिर से जांच कराने की अपील की। उन्होने बताया कि मामले की कोर्ट के आदेश पर फिर से जांच की गई। जिसमें उनकी नियुक्ति को अवैध पाया गया
छबीलदास जूनियर पब्लिक स्कूल का प्रधानाचार्य बताया था
जानकारी के मुताबिक उन्होने जांच रिपोर्ट नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी और जीबीयू के रजिस्टार को भेज दी है। जांच में बताया गया है कि किसी भी हायर सेकेंडी स्कूल में प्रधानाचार्य पद और पीजीटी के लिए 10 साल का काम से कम अनुभव होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रतिभा चौधरी महामाया स्कूल की प्रधानाचार्य बनाई गई। उन्होंने आवेदन करते समय दस्तावेज में अपने आपको गाजियाबाद के छबीलदास जूनियर पब्लिक स्कूल का प्रधानाचार्य बताया था।
सांठगाठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार किए
जांच में पता चला कि गाजियाबाद में इस नाम को कोई स्कूल मान्यता प्राप्त ही नहीं था। उन्होंने बताया कि जांच में सामने यह भी आया है कि गाजियाबाद में जो छबीलदास पब्लिक स्कूल है, वहां पर प्रतिभा पीआरटी शिक्षक के रूप में काम करती थी। डीआईओएस ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि प्रतिभा चौधरी ने छबीलदास पब्लिक स्कूल के मैनेजमेंट से सांठगाठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिए और इसके बाद महामाया बालिका इंटर कॉलेज में नौकरी पा ली।