अब शहरों में तीन हजार वर्ग मी. में ही खुल सकेंगे निजी स्कूल

शासन ने यूपी बोर्ड से मान्यता के लिए नए मानकों व शर्तों को दी मंजूरी अब छोटे-छोटे भवनों में यूपी बोर्ड के निजी स्कूल नहीं खोले जा सकेंगे। इस पर रोक के लिए प्रस्तावित नए मानकों व शर्तों को शासन ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब शहरी क्षेत्र में विद्यालय खोलने के लिए 3000 वर्ग मीटर भूमि जरूरी होगी। इससे पहले यह 650 वर्ग मीटर ही थी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में 6000 वर्ग मीटर जमीन को मानक बनाया गया है जो पहले 2000 वर्ग मीटर थी। मान्यता के लिए धरोहर राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है। स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर क्लास व अन्य अत्याधुनिक संसाधन भी अनिवार्य किए गए हैं। प्रमुख सचिव माध्यमिक दीपक कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए किए जा रहे हैं। इसीलिए वित्तविहीन विद्यालयों को मान्यता देने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद के विनियमों में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। शासन ने परिषद के सभापति व सचिव को निर्देश दिए हैं इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा-16 (2) में व्यवस्था के अनुसार मानकों, शर्तों की अधिसूचना गजट में प्रकाशित की जाए। इंटरमीडिएट के लिए अतिरिक्त शर्तें नए विद्यालय की मान्यता के लिए हाईस्कूल की अनिवार्य शर्तें पूरी करने के बाद इंटरमीडिएट के संचालन के लिए कुछ अन्य शर्तें भी पूरी करनी होंगी। इसके तहत दो लाख रुपये जमानत व सुरक्षित कोष के लिए एक लाख रुपये अतिरिक्त जमा करने होंगे। हाईस्कूल की मान्यता के लिए कुछ प्रमुख शर्तें ■ऑडियो-वीडियो प्रोजेक्टर, बड़ी स्क्रीन की एलईडी टीवी की व्यवस्था स्मार्ट क्लास में व कंप्यूटर कक्ष में 25 कंप्यूटर की व्यवस्था करनी होगी। ■शहरी क्षेत्र की कुल 3000 वर्ग मीटर विद्यालय भूमि में 1000 वर्ग मीटर और ग्रामीण क्षेत्र की 6000 वर्ग मीटर भूमि में 2000 वर्ग मीटर भूमि का क्रीडास्थल होगा। ■ क्रीड़ा स्थल में एथलेटिक्स, कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, ओपेन जिम्नेजियम व अन्य आउट डोर के साथ इनडोर गेम्स व शारीरिक सौष्ठव की पर्याप्त व्यवस्था होगी। पहले ऐसी मान्यता की शर्त नहीं थी। ■ छात्र संख्या के अनुरूप एक वर्ग मीटर की दर से प्रत्येक छात्र, छात्रा के लिए कुर्सी, मेज, डेस्क- बेंच की व्यवस्था करनी होगी। प्रयोगशाला भी सुनिश्चित करनी होगी। ■ स्वच्छ पेयजल, शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था, छात्र,छात्राओं व दिव्यांगजन की सुविधा के अनुसार करने की विस्तृत शर्तें होंगी। पहले सिर्फ समुचित व्यवस्था की शर्त थी। ■पुस्तकालय में वृहद पाठ्य सामग्री रखनी होगी। शिक्षण सामग्री की विस्तृत व्यवस्था करनी होगी। ■संस्था में शिक्षकों, कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक मशीन, वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा, डीवीआर, हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन, वाई-फाई के साथ ही विद्यालय की वेबसाइट जरूरी होगी। ■विद्यालय भवन सुरक्षा मानकों पर हो और वहां विद्युत, सौर ऊर्जा के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग व जल- मल निकासी की व्यवस्था होगी। ■ जमानत कोष के रूप में पांच लाख रुपये केवल विद्यालय के नाम जमा व निरीक्षण अधिकारी के पदनाम में बंधक होंगे। पहले 15 हजार रुपये निर्धारित थी। ■सुरक्षित कोष में डेढ़ लाख रुपये जमा होंगे जबकि पहले मात्र 3000 रुपये अनिवार्य था।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

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