सुल्तानपुर नीम हकीम व झोलाछाप के चक्कर में पड़कर दिग्भ्रमित हो रहा युवा

ऐसे तथाकथित फर्जी चिकित्सकों पर रोक लगाने में पूरी तरह विफल है चिकित्सा प्रशासन
बिना डिग्री या फिर किसी बगैर लाइसेंस के नीम हकीम वैध या डॉक्टर बन कर तथा शत-प्रतिशत दावे करके इलाज करने वाले ऐसे तथाकथित झोलाछाप पर रोक लगाने में प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा है।

इन नीम हकीम आदि के चक्कर में पड़कर विशेषकर युवा वर्ग गुमराह होकर इन पर खूब रुपया बरसाता है और बेवकूफ बन कर रह जाता है

यह तथाकथित झोलाछाप अपनी पूरी चांदी काट रहे हैं इन पर किसी भी प्रकार का कोई टैक्स या सरकारी देय देना नहीं होता अपनी मनमर्जी से पूरी तरीके से अवैध वसूली करते हैं और अपना गोरख धंधा चला रहे हैं इस संदर्भ में शासन सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।

मर्दाना ताकत बढ़ाएं, निराश रोगी एक बार हमसे जरूर मिलें ऐसे जुमले ज्यादातर दीवारों व सरकारी बने हुए लेट्रिनो तथा रेल के सौचालय पर बड़े अक्षरों में चस्पा या लिखे होते होते हैं। इस तरह के विज्ञापन गाहे-बगाहे आपका ध्यान भी खींचते ही होंगे।जबकि मर्दाना ताकत और यौन क्रिया एक ऐसा विषय है जो सामाजिक रूप से जितना वर्जित किया गया उतना ही चर्चित रहा है।ठीक उसी तरह जैसे जब-जब प्यार पे पहरा हुआ है प्यार और भी गहरा हुआ है। खैर, विज्ञापन पर लौटते हैं। इस तरह के विज्ञापन अपने पर्दे, बोर्ड और गाड़ी की तख्ती पर चस्पा किये तमाम तथाकथित खानदानी वैद्य और हकीम शहर के कस्बों के फुटपाथो पर टेंट लगाकर मर्दाना ताकत बेचते हुए आ सकते हैं रहे हैं। वैसे तो हर मर्ज का शर्तिया इलाज “फायदा भगवान जाने”का इलाज इनके पास होता है, लेकिन न बताई जाने वाली बीमारियों के यह स्पेशलिस्ट होते हैं।जो डिग्री होल्डर डॉक्टर होते हैं वह भी ऐसे शर्तिया इलाज नही करते है जो यह बिन डिग्री के बैठे तथाकथित निम हकीम बनकर शर्तिया इलाज की गारंटी देते हैं।आइए आपको एक ऐसे ही कई हकीम व बाबाओं के कारनामे की पोल खोलकर टेंट में ले चलते हैं,कोई देख न ले इस आशंका से मैं दाएं-बाएं देखते हुए एक साथी के साथ टेंट में घुस कर सर्वधर्म समभाव प्रदर्शित करते तमाम धार्मिक चित्रों के बीच-बीच कांच के जारों में जड़ी-बूटियां सजी हुई थीं। ग्राहक देखते ही ‘वैद्य’ का खूबियों का बखान करते लाउडस्पीकर की आवाज धीमी होती है। एक दस-बारह साल का लड़का चिल्लाता है दद्दा टेंट में चारपाई पर उनींदे से लेटे शख्स की आंखों में ग्राहक देखते ही चमक पैदा होती है। उसके करीब आते की टेंट में फैली धूपबत्ती की महक हल्की हो जाती है, क्योंकि गांजे की महक तो अपने आगे किसी को टिकने नहीं देती। देखते देखते यह टेंट वाले बाबा बात करते हैं कि आपकी मर्दाना ताकत कम होती जा रही हैं इस पर हम कहते हैं कि क्या इसका इलाज संभव हैं तो तथाकथित बाबा कहता हैं कि इसका इलाज संभव है बस आपको कुछ रुपया खर्च करना हैं और यह देशी दवाई समय समय पर खानी हैं ओर इसका इलाज शर्तिया है आप परेशान ना हो।आप समझ सकते है कैसे यह तथाकथित हकीम बाबा नव युवकों कैसे बरगलाकर उनसे पैसे ऐठते है ।ऐसे हकीम बन बैठे बिन डिग्री के बाबाओं व डॉक्टरों से सावधान रहा चाहिए यह आपके पैसे के साथ आपको कही बीमारी की ओर तो नही ले जा रहे है। सावधानी ही आपकी सुरक्षा है।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

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