उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साहूकारी कानून को समाप्त करने को लेकर कार्रवाई करने पर सहमति जता दी
उत्तर प्रदेश में खत्म होगा साहूकारी कानून! ग्रामीण इलाकों में फैले साहूकारों पर कसेंगे नकेल, जानें क्या होगा असर
मुख्यमंत्री ने साहूकारी कानून को समाप्त करने को लेकर कार्रवाई करने पर सहमति जता दी.
जाल को अब योगी सरकार ने तोड़ने की ठान ली है.मुख्यमंत्री ने साहूकारी कानून को समाप्त करने को लेकर कार्रवाई करने पर सहमति जता दी.साहूकारी समाप्त करने संबंधी प्रस्ताव राज्य कैबिनेट से सामने रखा जाएगा.
उत्तर प्रदेश (यूपी) के दूर दराज के गांव में बैंकों की शाखाएं खुल गई हैं. इसके बाद भी सूबे के लोग साहूकारों के चंगुल में है. छोटे मोटे कारोबार, आकस्मिक संकट या शादी जैसी जरूरतों में लोग साहूकारों से कर्ज लेते हैं. बाद में यही कर्ज लोगों के गले का फंदा बन जाता है.
ग्रामीण इलाकों में फैले साहूकारों के इस जाल को अब योगी सरकार ने तोड़ने की ठान ली है. जिसके चलते अब यूपी में साहूकारी कानून को समाप्त करने की तैयारी शुरू हो गई है. इस कानून को राज्य विधानमंडल से खत्म कराने कराया जाएगा. इसके बाद ना तो पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल किया जाएगा और ना ही नया लाइसेंस जारी होगा.
उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम, 1976 की में लाया गया था. जब इससे लाया गया था तब बैंकिंग सेवाओं तथा ऑनलाइन बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का लाभ दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों व आम जनता के लिए सर्वसुलभ नहीं था. इस कानून के तहत साहूकार का लाइसेंस लेकर लोगों को उच्च ब्याज दरों (18 प्रतिशत से 36 प्रतिशत) पर सोने के गहनों के कुल मूल्य का 50 प्रतिशत तक ऋण देते हैं.
सरकार ने पाया कि साहूकार गरीबों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. ऐसे में योगी सरकार ने साहूकारी क़ानून को खत्म करने की पहल कर दी. योगी सरकार इस फैसले से शहर और गांव में गर