योग का महत्व नवजात शिशु भी समझता है- डॉ एम. पी. सिंह
सुल्तानपुर। सिविल लाइंस स्थित राणा प्रताप पी जी कालेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जहाँ आयुर्वेद की महत्ता बढ़ी है तो दूसरी तरफ योग की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है क्योकि योग से तन और मन दोनों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। प्राचार्य डॉ एम पी सिंह विशेन ने अपने संबोधन में कहा कि शरीर की गतिविधियों को एकाग्र करना योग है, आसन के बाद प्रणायाम की बारी आती है। प्रतिदिन गरिष्ठ भोजन करने वालो को प्राणायाम में बाधा आती है। योग के लिये नासिका का स्वच्छ रहना आवश्यक है । आरंभिक योगी को चाहिये कि दोनों नासिका से स्वास चले, यदि किसी को बाधा हो तो प्रांरभ में बाए करवट एवं पीठ के बल लेटना चाहिए। शिव को शक्ति से मिलाना आवश्यक है जो सभी नाड़ियों को एक सूत्र में मिलाने से होती है। शरीर मे सात केंद्र बिंदु है। सबको एक करने की आवश्यकता है। प्रत्येक इंसान को प्रतिदिन अपने शरीर को थकाने की आवश्यकता है जिससे पसीना निकले। पतंजलि ने योग पर अपनी कृति में सविस्तार विवेचन किया है , अष्टांग योग का विशेष महत्व है। हरेक मनुष्य यदि तन मन से स्वस्थ प्रसन्न रहना चाहता है तो योग उसके द्वार खोलता है। योग का महत्व नवजात शिशु भी समझता है जन्म के पूर्व ही वह हाथ पैर चला अपनी मांसपेशियों को मजबूत करता रहता है। वर्तमान विश्व ने स्वास्थ्य की चुनौतियों को झेला है और सभी वरिष्ठ चिकित्सकों और विद्वानों ने योग अपनाने का परामर्श दिया है क्योंकि इससे ही हम तमाम स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते है।इस अवसर पर डॉ अभय सिंह, डॉ अखिलेश सिंह, डॉ आलोक वर्मा, डॉ विवेक सिंह ,डॉ राजेश सिंह, डॉ शिव भोले मिश्रा, डॉ मंजू ठाकुर, डॉ संतोष सिंह अंश, सरस प्रकाश सिंह, दिलीप सिंह, विनय सिंह, समर बहादुर सिंह, महेंद्र सिंह, अजय सिंह, रीमा सिंह, डॉ अभिषेक सिंह,विजय सिंह, अजीत सिंह, शशांक सिंह, रणवीर सिंह, मनोज सिंह, धीरेंद्र मिश्रा,सतेंद्र सिंह, आदित्य सिंह, विष्णु पाल, रामलाल मिश्र, जग प्रताप सिंह, रोहित, राजेश कुमार, संजय कुमार, अशोक कुमार, आदि उपस्थित रहे।