अनुभव फर्जी काम सरकारी
फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र के दम पर ले लिया टेंडर
अंबेडकरनगर। फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र लगाकर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बेंच व डेस्क सप्लाई का टेंडर लेना एक फर्म को भारी पड़ गया। फर्जी मामला सामने आने के बाद सीडीओ ने न सिर्फ संबंधित फर्म का टेंडर निरस्त कर दिया, बल्कि संबंधित फर्म के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को भी पत्र भेजा है। इसके साथ ही 271 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को जल्द से जल्द फर्नीचर पहुंच सके, इसके लिए टेंडर करने वाली दूसरे नंबर की फर्म को नामित किए जाने के लिए भी शासन को पत्र भेजा है।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को इंग्लिश मीडियम जैसी व्यवस्था मिल सके, इसके लिए डेस्क व बेंच उपलब्ध कराया जा रहा है। इस संबंध में बीती फरवरी में जिले के 271 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डेस्क व बेंच उपलब्ध कराए जाने के लिए ई टेंडर निकाला था। उस समय आधा दर्जन अलग-अलग फर्म ने आवेदन किया था। विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया के बाद सबसे कम बोली लगाने वाली झावर ट्रेडर्स उत्तर प्रदेश को डेस्क व बेंच उपलब्ध कराने के लिए नामित कर दिया। इससे पहले कि संबंधित फर्म द्वारा डेस्क व बेंच सप्लाई किए जाने की प्रक्रिया शुरू होती, एक अन्य कंपनी ने मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय को अवगत कराया कि झावर ट्रेडर्स ने जो अनुभव पत्र लगाया है, वह पूरी तरह से फर्जी है। यह जानकारी होते ही न सिर्फ शिक्षा विभाग, बल्कि सीडीओ कार्यालय में हड़कंप मच गया।मामले को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ घनश्याम मीणा ने टेंडर के दौरान लगाए गए अनुभव प्रमाण पत्र की जांच कि तो पता चला कि उसमें फर्म द्वारा दिखाया गया है कि उसने बरेली जनपद के जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय में फर्नीचर की सप्लाई की है। इस पर सीडीओ ने बरेली जनपद से संबंधित प्रमाणपत्र की जांच कराई, तो मामला पूरी तरह फर्जी पाया गया। इस पर सीडीओ ने तत्काल संबंधित फर्म का टेंडर निरस्त कर दिया। इसके साथ ही शासन को भेजे पत्र में टेंडर करने वाली कंपनियों में दूसरी कंपनी को टेंडर दिए जाने की बात कही। इसके साथ ही संबंधित फर्म के विरुद्ध कार्रवाई के लिए भी पत्र लिखा।
फर्जी न होती, तो हो जाती अब तक सप्लाई
मार्च में फर्नीचर सप्लाई के लिए ई टेंडर निकाला गया। विभिन्न प्रक्रिया के बाद झावर ट्रेडर्स को सप्लाई के लिए नामित किया गया। यदि फर्जी मामला सामने न आता, तो अब तक संबंधित 271 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर की सप्लाई हो गई होती। सामाजिक कार्यकर्ता अनंतराम वर्मा ने कहा कि ऐसी फर्जी कंपनियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसी कंपनियों के चलते ही योजनाओं का समुचित लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है।
कार्रवाई के लिए शासन को भेजा पत्र
अनुभव प्रमाणपत्र की जांच के दौरान मामला पूरी तरह से फर्जी पाया गया। इस पर नामित झावर ट्रेडर्स कंपनी को दिया टेंडर निरस्त कर दिया गया। साथ ही संबंधित कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शसन को पत्र भेजा गया है।