आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड, नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रगति समीक्षा की गई
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक आयोजित
आजमगढ़, अलीगढ़ एवं सहारनपुर में प्रस्तावित विश्वविद्यालय की प्रगति की भी समीक्षा की गई
औसत से कम प्रगति वाले क्लस्टर्स को चिन्हित कर व विशेष अभियान चलाकर आयुष्मान गोल्डेन कार्ड बनवाये जायें
नये मेडिकल काॅलेजों का निर्माण निर्धारित समयावधि में ही पूरे किये जायें
मेडिकल काॅलेजों के निर्माण में विलंब होने पर किया जायेगा उत्तरदायित्व का निर्धारण
राजेन्द्र कुमार तिवारी,
मुख्य सचिव
लखनऊ: मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक में आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड, नये मेडिकल कालेजों की स्थापना, चकगंजरिया लखनऊ में अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना, गोरखपुर में प्रस्तावित महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना तथा आजमगढ़, अलीगढ़ एवं सहारनपुर में प्रस्तावित विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रगति की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड योजना की प्रगति बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे क्लस्टर्स को चिन्हित कर लिया जाये जहां पर औसत से कम कार्ड बने हैं, ऐसे क्लस्टर्स में विशेष अभियान चलाकर लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड बनवाये जायें। उन्होंने आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड योजना में प्रगति बढ़ाने के लिए एजेन्सियों की संख्या बढ़ाने तथा इस कार्य में स्वयं सहायता समूहों एवं राशन विक्रेताओं का भी सहयोग लेने का सुझाव दिया।
नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की प्रगति समीक्षा के दौरान उन्होंने मेडिकल काॅलेज जौनपुर के अवशेष कार्यों को 10 सितंबर, 2021 तक प्रत्येक दशा में पूरा करने के निर्देश देते हुये कहा कि इसमें विलंब होने पर कार्यवाही की जायेगी तथा विलंब के लिए दोषी अधिकारियों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया जायेगा। मेडिकल काॅलेज फतेहपुर की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि अवशेष कार्य 30 सितंबर तक पूरे हो जायेंगे, जिस पर मुख्य सचिव ने दैनिक आधार पर लक्ष्य निर्धारित कर प्रगति समीक्षा किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि अवशेष कार्यों को पूरा करने की दैनिक समयसारिणी बना ली जाये तथा मशीनरी एवं मैनपावर बढ़ाकर अवशेष कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाये। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल काॅलेजों का निर्माण कार्य निर्धारित समयसारिणी के अनुसार ही सुनिश्चित किये जायें तथा इसमें किसी भी प्रकार का विलंब न हो, विलंब होने पर दोषी अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि उक्त के लिए गोरखपुर में 52.738 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है तथा बाउण्ड्रीवाल के निर्माण हेतु 240.095 लाख रु0 की धनराशि निर्गत कर दी गई है। उक्त भूमि के समतलीकरण एवं अन्य कार्यों हेतु 399.89 लाख रु0 की धनराशि अवमुक्त की गई है। परियोजना की कुल लागत 26750.56 लाख रु0 है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रथम किश्त के रूप में 600.11 लाख रु0 अवमुक्त किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
आजमगढ़, अलीगढ़ एवं सहारनपुर में प्रस्तावित विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्यवाही प्रगति पर है तथा तीनों विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चकगंजरिया लखनऊ में अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए एलडीए द्वारा 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। परियोजना के निर्माण के लिए लो0नि0वि0 को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। विश्वविद्यालय के लिए कुलपति, कुलसचिव एवं वित्त अधिकारी के पद सृजित तथा कार्यालय संचालन के लिए 35 पदों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड योजना की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि 45.6 प्रतिशत लाभार्थी परिवारों में कम से कम एक आयुष्मान कार्ड अवश्य बना है तथा औसत से कम प्रगति वाले क्लस्टर्स को चिन्हित कर 16 सितंबर, 2021 से 15 दिवस का विशेष अभियान प्रस्तावित है, जिसमें छूटे हुए लाभार्थियों का मौके पर ही कार्ड बनाये जायेंगे।
नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि फेज-1 के पांच जनपदों-अयोध्या, बस्ती, बहराईच, फिरोजाबाद एवं शाहजहांपुर में मेडिकल काॅलेज पूर्णरूप से संचालित हैं। फेज-2 में हरदोई, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, गाजीपुर, देवरिया, एटा तथा जौनपुर मेडिकल काॅलेज का एन0एम0सी0 निरीक्षण हो चुका है। फेज-3 के अंतर्गत 14 जिला चिकित्सालयों-बुलंदशहर, औरैया, सोनभद्र, ललितपुर, चन्दौली, सुल्तानपुर, गोण्डा, लखीमपुर खीरी, अमेठी, कुशीनगर, कानपुर देहात, कौशाम्बी, बिजनौर, पीलीभीत को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज बनाया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा डीपीआर अनुमोदित कर दिये गये हैं तथा लो0नि0वि0 को कार्यदायी संस्था नामित कर प्रारंभिक स्तर पर निर्माण कार्य हेतु प्रत्येक काॅलेज को 20-20 करोड़ रु0 की धनराशि निर्गत की जा चुकी है। उक्त सभी में कार्य प्रारंभ हो गये हैं।