उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का मास्टर प्लान दहेज कुप्रथा को रोकने के लिए सरकारी कर्मचारियों को देना होगा प्रमाण पत्र
दहेज कुप्रथा को रोकने के लिए योगी का मास्टरप्लान तैयार, सरकारी कर्मचारियों को देना होगा प्रमाण पत्र
राज्य सरकार के कर्मचारियों को 18 अक्टूबर तक ये जानकारी शपथ पत्र के तौर पर दिए गए सरकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. इस संबंध में संकलित सूचना doryprohibitionupatgmail.com पर 18 अक्टूबर 2021 तक अनिवार्य रूप से अपलोड करना है.
लखनऊ: देहज लोभी सरकारी सेवकों के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने दहेज जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए मास्टरप्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत प्रदेश के अब सरकारी मुलाजिमों को दहेज न लेने का घोषणा पत्र (Dowry Affidavit) नियुक्त अधिकारी को देना होगा. ये आदेश राज्य के सभी कर्मचारियों पर लागू होगा. इस आदेश के बाद सभी विभागों को शपथ पत्र कंपाइल कर अपलोड करना होगा.
सभी विभागाध्यक्षों को लिखा पत्र
महिला कल्याण निदेशक उत्तर प्रदेश लखनऊ ने सभी विभागाध्यक्षों को जारी पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश दहेज निषेध नियमावली, 1999 को प्रदेश सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के उद्देश्य लागू किया है. समाज में दहेज एक बुराई है और इसे खत्म करने की पहल करनी होगी.
उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली, 2004 में पहला संशोधन
असल में नियमावली में 31मार्च, 2004 को उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली, 2004 में पहला संशोधन किया गया था. इसके तहत नियम 5 में यह प्रावधान किया गया था कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी अपनी शादी के समय अपने नियुक्त अधिकारी को एक स्व-हस्ताक्षरित घोषणा करनी होगी. जिसमें वह यह घोषणा करेगा कि उसने अपनी शादी में कोई दहेज नहीं लिया है.
18 अक्टूबर तक अपलोड करना होगा घोषणा पत्र
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार के कर्मचारियों को 18 अक्टूबर तक ये जानकारी शपथ पत्र के तौर पर दिए गए सरकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. पर 18 अक्टूबर 2021 तक अनिवार्य रूप से अपलोड करना है. इसके साथ ही कर्मचारियों को अपने शपथ पत्र में शादी की तारीख, वैवाहिक स्थिति, मोबाइल नंबर और विभाग में उसकी नियुक्ति का प्रकार, यानी वह एक स्थायी या संविदा कर्मचारी है, इसकी भी जानकारी देनी होगी.