स्पेक्ट्रम हाई फार्मेसी कॉलेज में हुआ एक दिवसीय सेमिनार
जमोली, कूरेभार स्थित स्पेक्ट्रम हाई फार्मेसी कॉलेज में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ फार्मेसी के एसोसिएट प्रोफेसर और हेड डॉ तारिक महमूद ने बतौर मुख्य वक्ता फार्मेसी छात्रों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार और अवसर से अवगत कराया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुई। कार्यक्रम के आयोजक और स्पेक्ट्रम हाई फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ नीलकंठ मणि पुजारी ने अतिथियों का परिचय कराया और पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। मुख्य वक्ता डॉ तारिक महमूद ने कछुआ और खरगोश की कहानी से अपनी बात की शुरुआत की और छात्रों को कहानी के सार को दूसरे अर्थों में समझाया। उन्होंने कहा कि कहानी का सार धीरे और लगातार चलने वाले की जीत होती है, की जगह दौड़ या परीक्षा के समय कभी न रुकने और अपनी योग्यता पर घमंड न करने का भी है। छात्रों ने डॉ तारिक द्वारा किये गए प्रश्नों का उत्तर दिया और चर्चा में बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने छात्रों से पूछा फार्मेसी कोर्स में कैसे आए – बाई चांस या बाई चॉइस ? और उन्हें फार्मेसी में आने के बाद अब इसे ही अपनी चॉइस और पैशन बनाने को प्रेरित किया। छात्रों को कम्युनिकेशन और नॉलेज को अपना हथियार बनाने के लिए कहा। छात्रों को अपने प्रोफेशन से प्रेम करना चाहिए, भविष्य उन्हीं का है जो अपने सपनों में विश्वास करते हैं। डॉ तारिक महमूद ने कहानी के माध्यम छात्रों को समझाया कि जीवन में अच्छा और तेज़ दौड़ना यानी जीवन की हर परिस्थिति में प्रतिभाग करना बहुत जरूरी है। जैसे हर सुबह जंगल में हिरन सोचता है कि उसे शेर से तेज भागना है, वरना मारा जाएगा और शेर सोचता है कि उसे अपने से धीमे दौड़ने वाले हिरन से तेज दौड़ना है ताकि वो हिरन का शिकार कर सके। सफलता के लिए निपुणता और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है।
स्पेक्ट्रम हाई फार्मेसी कॉलेज के डायरेक्टर डॉ आशीष दीक्षित ने मुख्य वक्ता डॉ तारिक महमूद को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनके द्वारा साझा किए गए मूल्यवान व्याख्यान से छात्र अवश्य लाभान्वित होंगे। उन्होंने संस्थान के प्रबंधन और कार्यक्रम के आयोजक डॉ नीलकण्ठ को भी सफल आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। स्पेक्ट्रम हाई फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ नीलकंठ मणि पुजारी ने डॉ तारिक महमूद को स्मृति चिह्न देकर आभार व्यक्त किया और छात्रों के लिए ऐसे आयोजनों को आगे भी कराते रहने की बात कही।