अयोध्या दोहरे हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपित को मिली जमानत प्रापर्टी के लालच में पुत्री ने की थी अपने माता पिता की हत्या
अयोध्या। जनपद के पूराकलन्दर थाना क्षेत्र में पिछले वर्ष सम्पत्ति के लालच में अपने माता-पिता की नृशंस हत्या अपने पति रामसिंगार के साथ मिलकर करने के बहुचर्चित मामले में जेल में निरुद्ध आरोपित श्रीमती कमलेश को हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ से भारी राहत मिल गयी है। न्यायामूर्ति मनीष कुमार ने मामले में सुरवाई के पश्चात आरोपित श्रीमती कमलेश का जमानत प्रार्थना पत्र मंजूर करने का आदेश पारित किया है।
घटना जनपद के पूराकलन्दर थानान्तर्गत मिर्जापुर निमौली खुर्रमपुर गांव की वर्ष 2021 की है। आरोपित पक्ष से हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रेहान अहमद सिद्दीकी ने जमानत पर सुनवाई के दौरान जोरदार पैरवी किया। तर्क दिया कि वह निर्दोष है और मृतक की एकलौती संतान है। माता-ंपिता की संपत्ति की खुद हकदार थी। वह अपने माता-पिता की हत्या क्यों करेगी। पिता ने उसके नाम से वर्ष 2017 में वसीयत किया था। जिसमें लिखा था कि मेरे मरने के बाद उसकी सम्पत्ति बेटी के नाम होगी। बताया जाता है कि उसके पिता ने एक बीघा जमीन एक अन्य महिला संतोष गौड़ को पांच लाख में बेची थी। इसमें ढाई लाख रुपया मिला था। जिसमें एक लाख रुपया मृतक पिता ने अपनी पुत्री कमलेश को दिया था। आरोपित की तीन पुत्रियां हैं जिनकी उम्र आठ, पांच व दो साल है। जिसकी कोई देखभाल करने वाला नहीं है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक तीस मई 2021 की रात पूराकलन्दर थानान्तर्गत मिर्जापुर निमौली खुर्रमपुर गांव स्थित प्रापर्टी की लालच में हृदयराम व उनकी पत्नी की फुकनी, शम्भल व ईंट से मारकर नृशंस हत्या कर दी गयी थी। दूसरे दिन हत्या की रिपोर्ट मृतक की पुत्री कमलेश की तहरीर पर थाना पूराकलन्दर में दर्ज हुई थी। तफ्तीश के दौरान पुलिस ने मामला प्रापर्टी का होने के कारण उसकी पुत्री कमलेश व उसके पति रामसिंगार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बताया जाता है कि प्रापर्टी के लालच में कमलेश ने अपने पति रामसिंगार के साथ मिलकर अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी। कमलेश को यह पता चला था कि उसके पिता प्रापर्टी को धीरे-धीरे बेच रहे हैं। इस सम्बन्ध में उसने विरोध भी किया था। मुख्य आरोपित कमलेश की जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हो गयी है। जबकि उसके पति राम सिंगार जेल में हैं।