जब राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल तोड़कर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया प्रधानमंत्री ने कहा राष्ट्रपति ने आपने गांव मे एक ग्रामीण के रूप में मेरा स्वागत किया ना कि एक राष्ट्रपति के रूप में।

आज पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव परौंख पहुंचे। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने प्रोटोकॉल तोड़कर पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने इस बात का जिक्र मंच से जनता को संबोधित करते किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जब राष्ट्रपति जी मुझे लेने आए तो मैं शर्मिंदा था… हम उनके साथ काम कर रहे हैं, उनके पद की एक पवित्रता है। कहा कि राष्ट्रपति ने एक ग्रामीण के रूप में मेरा स्वागत किया ना कि एक राष्ट्रपति के रूप में।’
इस दौरान मंच से जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति जी के साथ विभिन्न स्थानों को देख रहा था तो मैंने परौंख में भारतीय गांव की कई आदर्श छवियों को महसूस किया। यहां सबसे पहले मुझे पथरी माता का आशीर्वाद लेने का अवसर मिला। कहा कि महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गांव से जोड़कर देखते थे। भारत का गांव यानी जहां आध्यात्म भी हो, आदर्श भी हो। भारत का गांव यानी जहां परम्पराएं भी हों और प्रगतिशीलता भी हो। भारत का गांव यानी जहां संस्कार भी हो, सहकार भी हो। जहां ममता भी हो और समता भी हो
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे गांवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है, सबसे ज्यादा श्रम शक्ति है और सबसे ज्यादा समर्पण भी है। इसलिए भारत के गांवों का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इस दौरान उन्होंने कहा मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों। मैं तो चाहता हूं कि परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पार्टियां खुद को इस बीमारी से मुक्त करें, खुद अपना इलाज करें। तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा और देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दौरान मंच से बोलते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि मेरे निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मेरे पैतृक गांव पधारे, मैं उनका हार्दिक स्वागत करता हूं। प्रधानमंत्री इस छोटे से गांव में जनता से मिलने आए हैं ये आपकी उदारता है। मैं पूरे देश का सौभाग्य मानता है कि हर नागरिक के जीवन को सरल व सुखमय बनाने के लिए प्रधानमंत्री प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने भारत माता की सेवा करने के अर्थ को नए आयाम दिए हैं। उन्होंने राष्ट्र सेवा और जन कल्याण की अवधारणा को नई सार्थकता प्रदान की है

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

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