बूंद बूंद बचाने को प्रयास करना होगा -प्रो डी के त्रिपाठी

सुल्तानपुर। सिविल लाइन स्थित राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण एवं संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रबंधक सुरेंद्रनाथ सिंह एवं प्राचार्य प्रोफेसर डीके त्रिपाठी के साथ अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धीरेंद्र कुमार ने मां सरस्वती एवं पौरुष के प्रतीक महाराणा प्रताप के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया। इसके पश्चात संगोष्ठी पर विषय रखते हुए भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि आज हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए बिना विलंब किए छोटे छोटे कदम उठाने पड़ेंगे अन्यथा हमारी लापरवाही आगे चलकर एक बड़ी मुसीबत का सबब बन जाएगी। सब्जी आदि लाने के लिए हमें कपड़े के थैले का प्रयोग करना चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपने जन्मदिन पर एक वृक्ष लगाएं और उसकी देखभाल करें। पर्यावरण के प्रति न सिर्फ जागरूकता लाने की आवश्यकता है वरन पर्यावरण से संरक्षण के लियेक पहल जरूरी है। अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर धीरेंद्र कुमार ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि पर्यावरण की चुनौती अत्यंत गंभीर है हमें भविष्य में आने वाली चुनौतियों से बचने के लिए निरंतर प्रयास करना होगा अन्यथा हमने पर्यावरण को अति क्षति पहुंचाई है हमने प्रकृति से बहुत कुछ लिया है अब हमें प्रकृति को लौट आने की जरूरत है हमें अपने वायु को जल को प्रदूषण से मुक्त करना होगा और यह किसी एक के प्रयास से संभव नहीं है इसमें हर एक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। पर्यावरण यदि दूषित हुआ तो भविष्य में संकट बढ़ता जाएगा । राजनीति शास्त्र विभाग की डॉ मंजू ठाकुर ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा किए जा रहे हैं प्रयास की तरफ लोगों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यह प्रयास वैश्विक मंचों द्वारा तो किया ही जा रहा है पर जब तक हम इसमें शामिल नहीं होंगे और पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रयास करेंगे तब तक यह प्रयास निष्फल साबित होगा पर्यावरण को हमें बचाना ही होगा । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी के त्रिपाठी ने कहा कि इसने पृथ्वी पर पूरी तरह से जीवन और पर्यावरण के बीच प्राकृतिक चक्र को बाधित किया है। ग्लोबल वार्मिंग के नकारात्मक प्रभाव को जलवायु और मनुष्य और अन्य जीवित प्रजातियों पर सोच भी नहीं सकते। इसने पृथ्वी पर पूरी तरह से जीवन और पर्यावरण के बीच प्राकृतिक चक्र को बाधित किया है। प्रकृति ने समस्त जीवों की उत्पत्ति एक ही सिद्धांत के तहत की है वह समस्त चर-अचर जीम मनुष्य ने स्वयं को पर्यावरण का हिस्सा ना मानकर उसको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विकृति करने लगा। इन गतिविधियों ने प्रकृति के रूप को पूरी तरह बिगाड़ दिया। हालात ये हो गए कि जो नदियां, पहाड़, जंगल और जीव पृथ्वी पर हर और नजर आते थे इनकी संख्या घटती गई। इतनी की कोई विलुप्त हो गए और ढेरों विलुप्त के कगार पर हैं। ऐसा लगता है कि इंसान समाज ने प्रकृति के विरुद्ध एक अघोषित युद्ध छेड़ रखा है और स्वयं को प्रकृति से अधिक ताकतवर साबित करने में जुटा हुआ है। यह जानते हुए भी कि प्रकृति के विरुद्ध युद्ध में वह जीत कर भी अपना वजूद सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। हमे स्वार्थ छोड़ हरेक तरह के पौधे लगाने होंगे। हम एसी से निकलने वाले बूंद बूंद पानी के नीचे बाल्टी लगाकर उसे पानी को पौधों में डालना चाहिए। दीपा मौर्या में पर्यावरण पर कविता प्रस्तुत की कुँवर विकास, अवनीश, आभा शुक्ला, आदित्य ने अपने विचार प्रस्तुत किये। प्राचार्य ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को संकल्प दिलवाई । इसके पश्चात परिसर में अशोक के वृक्ष प्रबंधक और और प्राचार्य द्वारा लगाए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ संतोष सिंह ‘अंश’ ने किया। डॉ संतोष अंश ने कहा कि पर्यावरण के प्रति सबको अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा। यहाँ पर डॉ अखिलेश सिंह, डॉ शिव भोले मिश्र, डॉ आलोक वर्मा, विनय सिंह,,विष्णु पाल, रवि सिंह, सुमित यादव, संजय कुमार, राजेश कुमार के अलावा सैकड़ो विद्यार्थी मौजूद थे।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

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