मंकीपॉक्स को लेकर WHO ने जारी की गाइडलाइंस, जानिए किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा
मंकीपॉक्स को लेकर WHO ने जारी की गाइडलाइंस, जानिए किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा
मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर फीवर, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।
कोरोना वायरस महामारी के बाद अब मंकीपॉक्स का खतरा पूरी दुनिया में मंडराने लगा है। लोगों को अभी कोरोना से मुक्ति भी नहीं मिली कि मंकीपॉक्स ने एक अलग से टेंशन बढ़ा दी है। मंकीपॉक्स ने दुनिया के 75 देशों में 16,000 से अधिक लोगों को अपना शिकार बना लिया है। जिसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। WHO का कहना है कि मंकीपॉक्स उन देशों में भी फैलता हुआ दिख रहा है। जहां पहले ऐसे केस कभी भी सामने नहीं आए थे।
बता दें कि भारत में भी मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है। केरल में 3 मामले सामने आ चुके हैं। एक मामला देश की राजधानी दिल्ली में सामने आया है। कुल मिलाकर भारत में मंकीपॉक्स के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं।
लक्षण
किसी भी वायरस से संक्रमित होने के बाद उत्पन्न लक्षण को समझना बेहद जरूरी है। इस वायरस से संक्रमित इंसान में फीवर, गले में खराश, सांस में दिक्कत होती है। इसके अलावा चिकनपॉक्स की तरह शरीर में रैशेज और दाने बन जाते हैं, जो पूरे शरीर पर दिखने लगते हैं। दाने का आकार बड़ा होता है। इसमें पस भर जाता है। इसका इनक्यूबेशन पीरियड 5 से 21 दिन का है। यह अपने आप ठीक हो जाता है। सामान्य जनसंख्या में Monkeypox की मुत्यु दर 0 से लेकर 11 फीसदी तक रही है। बच्चों में यह अधिक रहा है। हाल के दिनों में आए मंकीपॉक्स के मामले मृत्यु दर 3 से 6 फीसदी तक रही है।
किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा
WHO के मुताबिक, मंकीपॉक्स उन लोगों से फैलता है जो पहले से मंकीपॉक्स से संक्रमित हैं। मंकीपॉक्स के मरीज के बेहद करीब रहता हो उसके लिए इस वायरस की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। हाल ही में एक रिपोर्ट में WHO ने कहा है कि जो पुरुष आपस में सेक्स करते हैं यानी समलैंगिक पुरुष, उनमें मंकीपॉक्स फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। मंकीपॉक्स बॉडी फ्लुइड्स और पीड़ित व्यक्ति के साथ सोने पर फैल सकता है।
बचाव
WHO के मुताबिक, मंकीपॉक्स से बचाव के लिए जंगली जानवरों से बचकर रहना बेहद जरूरी है। उनसे दूरी बनाकर जरूर रखें। इन जानवरों के मीट, खून और शरीर के अन्य हिस्सों से भी पूरी तरह दूरी बनाकर रखें। जब तक मीट पूरी तरह से न पक जे उसे न खाएं। विदेश यात्रा से आने पर अपनी जांच जरूर कराएं।