पराली जलाने वाले किसान को जाय सावधान नहीं मिलेगा योजना का फायदा
सेटेलाइट के जरिए पकड़ रहे आरोपी यूपी में धान की कटाई के बाद पराली जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। बावजूद इसके गोरखपुर जिले में पराली जलाई जा रही है। सेटेलाइट द्वारा दो नवंबर को भटहट के ग्राम पंचायत जंगल डुमरी नम्बर-एक में पराली जलाई। यूपी में धान की कटाई के बाद पराली जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। बावजूद इसके गोरखपुर जिले में पराली जलाई जा रही है। सेटेलाइट द्वारा दो नवंबर को भटहट के ग्राम पंचायत जंगल डुमरी नम्बर-एक में पराली जलाए जाने के फोटोग्राफ्स मिले हैं। इस मामले में भू-स्वामी को योजनाओं से वंचित किए जाने का निर्देश दिया गया है। डीएम के निर्देश के बाद पराली जलाए जाने पर निगरानी रखी जा रही है। बीते दो नवम्बर को सेटेलाइट द्वारा ग्रहित पराली जलाने के फोटोग्राफ्स लिए जाने पर जंगल डुमरी-नंबर में मामला सामने आया है। क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में भू-स्वामी मनोहर द्वारा पराली जलाई गई है। पुष्टि के बाद मनोहर के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दी गई है। उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी को मनोहर को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिये अपात्र करने एवं कृषि व अन्य विभाग की समस्त योजनाओं के लाभ से वंचित करने के लिए निर्देशित किया गया है। डिप्रेशन लेकर आता है नवंबर, प्रदूषण बड़ी वजह, जहरीली गैस और हवा ऐसे बढ़ा रही अवसाद पीएम-2.5 के घनत्व में सबसे ज्यादा असंतुलन सीपीसीबी के मुताबिक इस समय सबसे ज्यादा असंतुलन हवा में धूल के बारीक कणों के घनत्व में देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को 2.5 माइक्रॉन से छोटे धूल के कणों का घनत्व बढ़ गया। इसे पीएम-2.5 कहते हैं। शुक्रवार को पीएम 2.5 का घनत्व अधिकतम 308 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। जबकि न्यूनतम घनत्व 81 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। एमएमएमयूटी के पर्यावरण विज्ञान विभाग के सहायक वैज्ञानिक डॉ. सत्येन्द्र यादव ने बताया कि अनियमित उछाल की वजह हवाओं का धीमी गति भी है। भवन निर्माण और फैक्ट्रियों के कारण भी हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।