फंफूद जनित रोगों के नियंत्रण हेतु ट्राइकोडरमा का करे प्रयोग:~जिला कृषि रक्षा अधिकारी

जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुलतानपुर दीप चन्द्र चौरसिया ने बताया कि बीज जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु धान में सूखा बीज शोधन हेतु धीरम 75 प्रतिशत की 2.50 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत की 2 ग्राम मात्रा प्रति किग्रा बीज की दर से प्रयोग करें खरीफ में दलहनी फसल अरहर / सर्द / मूंग में उकठा या अन्य फंफूद जनित रोगों के नियंत्रण हेतु ट्राइकोडरमा 4 से 5 ग्राम या थीरम + कार्बेन्डाजिम की 21 के अनुपात में मिलाकर प्रति किग्रा बीज का शोधन बुवाई से पूर्व करे। धान में जीवाणु/ धारीदार झुलसा से बचाव हेतु स्ट्रेप्टोसाइक्लीन 4 ग्राम मात्रा एग्रीमाइसीन की 38 ग्राम मात्रा 40 लीटर पानी में घोलकर 25 किलो ग्राम धान का बीज रात भर भिगोकर बीज शोधन करें। बीज जनित एवं भूमि जनित रोगों से आगामी खरीफ की बोई जाने वाली फसल के बचाव हेतु बीज शोधन अत्यन्त महत्वपूर्ण है रोगों से बचाव के लिए बीजशोधन अत्यन्त सरल एवं सस्ता उपाय है। बीजशोधन द्वारा फसल की रोगों से सुरक्षा कर अधिक पैदावार ली जा सकती है। विकास खण्ड स्तर पर स्थित विभागीय कृषि रक्षा इकाइयों पर 75 प्रतिशत अनुदान पर बीजशोधक रसायन कृषि विभाग में पंजीकृत कृषकों को वितरित किया जा रहा है। किसान भाई अनुदान का लाभ उठाते हुए बुवाई पूर्व बीजो का बीजशोधन अवश्य करें।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

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