उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नकेल के लिए एक और कदम, अब जल्द मिलेगी ट्रैप के लिए घूस के तौर पर दी गई रकम
घूसखोरो की अब खैर नही कसा सरकार का सिकांजा घूसखोर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा निर्णय किया है। शासन ने ऐसे घूसखोर अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध शिकायतों का दायरा बढ़ाने के लिए शिकायतकर्ताओं को उनकी ओर से ट्रैप के लिए दी जाने वाली रकम जल्द वापस दिलवाने की व्यवस्था की है। किसी ट्रैप के लिए अब घूस के तौर पर दी जाने वाली रकम को वापस हासिल करने के लिए कोर्ट की प्रक्रिया पूरी होने का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
अब सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कोर्ट के आरोपपत्र का संज्ञान लेते ही संबंधित पीड़ित को ट्रैप के लिए दी गई रकम के बराबर राशि वापस कर देगा। पीड़ित से कानूनी प्रकिया के बाद मुक्त होने वाली ट्रैप की रकम पर उसका अधिकार न होने का एक बांड भी भराया जाएगा। कोर्ट से रकम मुक्त किए जाने पर उसे सरकारी कोष में जमा करा दिया जाएगा
उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के अधिकारियों के अनुसाार शासन ने इस प्रकिया को चलाने के लिए विजिलेंस को अतिरिक्त बजट भी स्वीकृत कर दिया है। विजिलेंस में की जाने वाली कई शिकायतों में अक्सर पीड़ित बाद में पीछे हट जाते हैं। वहीं ट्रैप के लिए उनकी ओर से दी जाने वाली रकम को विजिलेंस आरोपित के कब्जे से बरामद करने के बाद सील कर देती है। उसे केस प्रापर्टी बनाया जाता है और कोर्ट में संबंधित केस का ट्रायल पूरा होने के बाद ही संबंधित रकम पीडि़त के पक्ष में रिलीज हो पाती है।
रकम तीन-चार माह में मिलती है वापस : कानूनी प्रक्रिया पूरी होने में कई बार लंबा वक्त भी लगता है। अधिकारियों का कहना है कि पीड़ितों को यदि यह रकम जल्द वापस मिल जाएगी तो उनको राहत मिलेगी। विजिलेंस भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों में अमूमन दो माह में आरोपपत्र दाखिल करती है, जिसके बाद विशेष न्यायालय द्वारा प्रकरण को संज्ञान में ले लिया जाता है। शिकायतकर्ताओं को ट्रैप के दौरान दी गई रकम तीन-चार माह में वापस कर दी जाएगी।
विभागों को दिए गए निर्देश भी : भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की दर बढ़ाने के लिए शासन ने सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिस मामले में पीडि़त सही है और उसका काम वास्तव में वेवजह लटका हुआ था, उन मामलों में संबंधित शिकायतकर्ता की सुनवाई कर उसकी समस्या को त्वरित गति से निपटाया जाए। इसके साथ ही किसी भी शिकायतकर्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाए।
हेल्पलाइन नंबर पर करें शिकायत : विजिलेंस के हेल्पललाइन नंबर 9454401866 पर घूसखोरी की शिकायत सीधे दर्ज कराई जा सकती है। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार इस नंबर पर की जानी वाली शिकायत को गोपनीय रखकर जांच व कार्रवाई की जाती है।
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