मान्यता देने के मामले में पूर्व बीएसए समेत तीन अफसर पाए गए दोषी
अयोध्या बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूलों को मान्यता देने के मामले में की गई अनियमितताओं पर शिक्षा निदेशक बेसिक ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए तीन अफसरों को रडार पर लेकर आरोप पत्र भेजने के लिए जिलाधिकारी को खत लिखा है, जिन पर अब कार्रवाई तय मानी जा रही है। आरोपित अधिकारियों में तत्कालीन एडी बेसिक, तत्कालीन बीएसए और डायट प्राचार्य शामिल हैं। बात तकरीबन दो साल पहले की है। जिले में प्राइवेट प्राथमिक और जूनियर के तकरीबन 300 विद्यालयों को बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता दी गई थी।
मान्यता देने में मानकों की अनदेखी के आरोप के बाद एडीएम की अध्यक्षता में गठित तीन अफसरों की हाई पावर कमेटी ने जांच की तो 86 विद्यालयों की मान्यता में बड़ा खेल सामने आया। स्कूल प्रबंधन से सांठगांठ कर मान्यता कमेटी ने आवश्यक अभिलेखों, कागजातों और पर्याप्त शुल्क अदायगी को दरकिनार कर गली कूचे में खुले स्कूलों को रेवड़ियों की तरह मान्यता दे दी गई। पत्रावलियों पर जिमीदारों के सिग्नेचर तक नहीं मिले। इसकी जांच रिपोर्ट शासन तक पहुचने के तत्कालीन बीएसए के कार्यकाल की सभी मान्यता पत्रावलियों की जांच का निर्देश दिया गया।
जांच के दायरे में पटेल सहायक से लेकर बड़े अफसर तक आये। इसके बाद तत्कालीन पटल सहायक को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि सेटिंग बैठकर वह बहाल हो गए। जांच के बाद तत्कालीन एडी बेसिक रविंदर सिंह बीएसए अमिता सिंह और डायट प्राचार्य संध्या श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। जिलाधिकारी अयोध्या को शिक्षा निदेशक बेसिक डॉ सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने 18 सितंबर 2021 को एक पत्र भेजकर रिपोर्ट तलब की है।