बड़े बाबू का बड़ा खेल फर्जी नाम से नौकरी के बिता दिए 36 वर्ष, जिलाधिकारी ने की निलंबन की सिफारिश

लखनऊ विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक, 4 फरवरी 1985 को रवि प्रकाश मिश्र के नाम नियुक्ति पत्र जारी हुआ था। लेकिन तभी से मिश्र के स्थान पर रवि प्रकाश चतुर्वेदी काम कर रहा है।

धोखाधड़ी करने वाले 17 दुकानदारों पर नापतौल विभाग ने कार्रवाई की

समाज कल्याण विभाग के एक बड़े बाबू के जुगाड़ की खूब चर्चा है। वह 36 साल से गोरखपुर में दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहा है। डीएम ने जांच के बाद उसके निलंबन की स्पष्ट संस्तुति की है, लेकिन विभाग कार्रवाई में हीलाहवाली कर रहा है।

विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक, 4 फरवरी 1985 को रवि प्रकाश मिश्र के नाम नियुक्ति पत्र जारी हुआ था। लेकिन तभी से मिश्र के स्थान पर रवि प्रकाश चतुर्वेदी काम कर रहा है। चतुर्वेदी इस साल 31 दिसंबर को रिटायर भी हो जाएगा। उच्चस्तरीय निर्देश पर गोरखपुर के डीएम विजय किरन आनंद की गोपनीय रिपोर्ट में इन सभी तथ्यो की पुष्टि की गई है। डीएम ने यह भी सिफारिश की है कि चतुर्वेदी को निलंबित कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएसमाज कल्याण निदेशालय के ही एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि चतुर्वेदी किसी दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहा है, यह विभाग में सभी लोग वर्षों से जानते हैं। लेकिन उसके जुगाड़ से सारे नियम बौने साबित होते रहे हैं। इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि डीएम ने 6 दिसंबर को रिपोर्ट शासन को भेज दी थी, पर अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बताते हैं कि समाज कल्याण निदेशालय में बैठे कुछ अफसर भी उसे बचाने में शामिल हैं।

प्रधान सहायक के नियुक्ति प्राधिकारी संभवत: निदेशक होते हैं। मुझे अभी प्रकरण की जानकारी नहीं हैं।
– हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण राकेश कुमार, निदेशक, समाज कल्याण ने कहाकि इस मामले में कहीं से कोई स्पष्ट कार्रवाई की संस्तुति नहीं आई है। डीएम की रिपोर्ट के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *