केस की सुनवाई के बाद डीएम ने सुनाया ऐसा फैसला कि मुंह ताकने लगे सब लोग, जानें क्या है माजरा?*

हमीरपुर में जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शुक्रवार को पहली बार एक नई पहल की शुरुआत करते हुए एक मामले में संस्कृत भाषा में फैसला दिया है। अनुसूचित जाति के किसान को अपनी जमीन गैर अनुसूचित जाति के लोगों को बेचने के मामले में डीएम ने कोर्ट में वकीलों के बीच फैसला संस्कृत भाषा में ही पढ़कर सुनाया और इसी भाषा में निर्णय भी पारित किया। जिसे सुनकर वकील दंग रह गए।
हमीरपुर : हमीरपुर में शुक्रवार को कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान फैसले की घड़ी में कुछ ऐसा हुआ कि वहां मौजूद लोग अवाक रह गए। हुआ यूं कि यहां मुकदमे की सुनवाई के बाद डीएम चंद्र भूषण त्रिपाठी ने संस्कृत भाषा में फैसला सुनाया, जिसे सुनते ही वकील हतप्रभ रह गए। इतना ही नहीं इस दौरान डीएम ने संस्कृत भाषा में आदेश भी जारी किए। एक आईएएस अदिकारी के संस्कृत भाषा में फैसला सुनाने का यह पहला वाक्या सामने आया है, जो कोर्ट से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है हमीरपुर में डीएम ने सुनाया ऐसा आदेश कि मुंह ताकने लगे सब लोग
हमीरपुर जिले के राठ थाना क्षेत्र के ग्राम गिरवर निवासी संतोष कुमार पुत्र करन सिंह अनुसूचित जाति का है। इसके पास मौजा कुम्हरिया गांव में 2.9250 हेक्टेयर कृषि भूमि है। किसान संतोष ने जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपना मामला रखा था। उसने कोर्ट में बताया कि उसके ऊपर सरकारी कर्जा है और बीमारी से परेशान भी रहता है। बताया कि सरकारी कर्जा निपटाने और बीमारी का इलाज कराने के लिए अपनी भूमि को दो हिस्सों में 0.4050 हेक्टेयर और 0.0930 हेक्टेयर गैर अनुसूचित जाति के लोगों को बेचना चाहता है। इस मामले की सुनवाई करते हुए आज डीएम डॉ.चंद्रभूषण त्रिपाठी ने पहली बार कोर्ट में वकीलों के बीच संस्कृत भाषा में फैसला सुनाया। बता दें, कि डीएम ने संस्कृत भाषा से पीएचडी की है।

डीएम ने संस्कृत भाषा में चार पेज का दिया निर्णय

डीएम ने बताया कि किसान संतोष कुमार के मामले की जांच राठ तहसीलदार और एसडीएम से कराई थी। जांच रिपोर्ट के बाद आज यहां कोर्ट में इस प्रकरण पर निर्णय चार पेज में दिया गया है। बताया कि इस पूरे प्रकरण पर फैसला संस्कृत भाषा में दिया गया है। इतना ही नहीं इस फैसले के आदेश भी संस्कृत भाषा में ही दिए गए हैं। डीएम ने बताया कि इस मामले में आदेश को संस्कृत भाषा में लिखकर सभी वकीलों के बीच पढ़कर सुनाया गया है। संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए नई पहल शुरू की गई है।
संस्कृत भाषा में निर्णय देना एक नई पहल-बार एसोसिएशन
बताते है कि डीएम कोर्ट में अंग्रेजी हुकूमत में डीएम कोर्ट से बहुत सारे फैसले अंग्रेजी में फैसले होते थे। लेकिन यहां पहली बार डीएम ने कोर्ट में संस्कृत भाषा में न सिर्फ फैसला दिया बल्कि उसे संस्कृत भाषा में पढ़कर वकीलों को सुनाया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि संस्कृत भाषा में निर्णय देना एक नई पहल है।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

सुलतानपुर 23 अगस्त/वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत बैंक ऑफ़ बड़ौदा सुलतानपुर व वाराणसी कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय तक पहुंच बनाने हेतु जन सुरक्षा संतृप्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार श्री एम. नागराजू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त चांद, महाप्रबंधक विमल कुमार नेगी, अंचल प्रमुख शैलेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, प्रशिक्षु आईएएस रिदम आनन्द सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं बैंक ऑफ बड़ौदा समूह के अधिकारी/कर्मचारीगण, स्वयं सहायता समूह के सदस्य आदि मौजूद रहे।  
          मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का पुष्पगुच्छ व ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। पल्लवी नाट्य संस्थान के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
         तत्पश्चात कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्रालय के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन योजनाओं पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई, पीएमजेडीवाई, खाता खोलने, नामांकन के महत्व, पुनः-केवाईसी और डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं तक निर्बाध पहुंच और धोखाधड़ी की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खातों के अन्तर्गत बहुत बड़ी संख्या में अभी तक लोगों द्वारा ईकेवाईसी व नॉमिनी आदि का अंकन नहीं किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से वित्तीय समावेशन का  जनजागरूकता  अभियान चलाकर आम जनमानस तक बैंकिंग सेवाओं की पहंुच बढ़ाना है तथा लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
        वित्त सचिव महोदय ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से अब तक देश की 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को कवर कर लिया गया है, अब तक 21 लाख  लोगों का प्रधानमंत्री जनधन खाता खुल चुका है, 23 लाख लोग पीएम जीवन सुरक्षा योजना, 40 लाख लोग प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं 8.5 लाख लोग अटल पेंशन योजना का लाभ ले रहे है।
        मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बैंकों के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराया जाता है। यहां उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा बैंकिंग सम्बन्धी समस्त सुविधाएं निचले स्तर तक लोगों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
        वित्तीय समावेशन कार्यशाला में बड़ी संख्या में समूह की महिलाओं व् बी.सी. सखियों ने भागीदारी की, मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पात्र लाभार्थियों- सीमा देवी को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, किरन देवी, मुफीद अहमद, दीपक कुमार, अजीत कुमार मिश्रा को पीएमजेजेबीवाई योजनान्तर्गत 2-2 लाख रुपये का चेक वितरित किया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह- प्रधान महिला जय बजरंगबली, शिव शक्ति, मॉ काली प्रेरणा को 6-6 लाख रुपए का चेक वितरित किया गया।

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