लखनऊ में छात्रा से गैंगरेप पर डीसीपी प्राची सिंह की बड़ी कार्यवाही
लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके में दिनदहाड़े ट्यूशन पढ़ाने वाली छात्रा से गैंगरेप के मामले में सोमवार को बड़ी कार्रवाई हुई है। पीड़िता अपनी रिपोर्ट लिखवाने के लिए तीन थानों में भटकती रही,लेकिन उसकी किसी ने मदद नहीं की। मामला जब सोशल मीडिया पर चर्चा में आया तो अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई। इसके बाद रिपोर्ट लिखने के आदेश जारी किए थे। अब इस मामले में हुसड़िया चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है और अन्य तीनों थाना प्रभारियों को नोटिस जारी की गई है। मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता ने शनिवार की रात तीन पुलिस थानों के चक्कर लगाए,लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की। रविवार देर शाम जब मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस ने इस मामले पर एफआईआर दर्ज की थी। इस घटना के बाद पुलिस पर सहयोग न करने के आरोप लगने लगे। कई महिला संगठनों ने भी इस मामले में पुलिस की लचर कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने 18 घंटे बीत जाने के बाद मेडिकल के लिए पीड़िता को हजरतगंज स्थित झलकारी बाई अस्पताल भेजा। इस संबंध में डीसीपी ईस्ट ने मीडिया को बताया था कि एक ऑटो-रिक्शा चालक ने शनिवार की शाम एक सवारी के साथ मिलकर ट्यूशन से घर लौट रही एक लड़की के साथ गैंगरेप किया।इसके बाद आरोपी ने पीड़िता को हुसड़िया चौराहा पर फेंक दिया था। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।युवती के विरोध करने पर उन्होंने उसके सिर पर वार किया जिससे वह बेहोश हो गई। ऐसे में ऑटो चालक युवती को हुसड़िया चौराहे पर फेंक कर फरार हो गए। पुलिस ने इस घटना की IPC की धारा 342,376-D,323,392 और 506 में FIR एफआईआर दर्ज कर ली है।जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपियों की शिनाख्त हो गई है।आरोपियों की पहचान आकाश और इमरान के रूप में हुई है। पीड़िता ने बताया कि दोनों युवक मुझे ऑटो से सुशांत गोल्फ सिटी के प्लासियो मॉल के पीछे की झाड़ियों में ले गए, वहाँ दोनों ने मेरे साथ करीब तीन घंटे तक रेप किया।होश आने पर जब वो शोर मचाती तो आरोपी उसे जख्म देते थे और धमकी देते थे चिल्लाएगी तो मार डालेंगे।उसे कई जगह दरिंदों की तरह नोचा गया है।सुनसान जगह देखकर ऑटो से बाहर फेंककर फरार हो गए। मामले की शिकायत करने के लिए परिजन जब गोमतीनगर थाने पहुँचे तो वहाँ मौजूद इंस्पेक्टर ने बताया कि यह घटना विभूतिखंड थाना क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इसके बाद परिजन पीड़िता को विभूतिखंड थाने लेकर पहुँचे । यहाँ इस्पेक्टर पीड़िता से तहरीर तो ले ली, लेकिन मामले में केस दर्ज नही किया और न ही घटनास्थल पर गए।जब पीड़िता ने उच्च अधिकारियों से मामले की गुहार लगाई तब आनन-फानन में मामले में मुकदमा दर्ज किया और आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई।वहीं लगभग 18 घंटे बीतने के बाद पुलिस ने छात्रा को मेडिकल के लिए भेजा गया।