उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ PIL खारिज योगी आदित्य नाथ सरकार का हर जिले में धार्मिक आयोजन का बिल पास

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय प्रशासन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के दौरान मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण पाठ समेत कई विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था.

इसके लिए हर जिले में एक लाख रूपये आवंटित भी किए गए थे. राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. मंदिरों में आयोजित कार्यक्रमों में कलाकारों को मानदेय देने के योगी सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि यह किसी भी धर्म या धार्मिक संप्रदाय के प्रचार में राज्य की लिप्तता नही है.

अदालत ने कहा वास्तव में यह राज्य की एक साधारण धर्मनिपेक्ष गतिविधि है, जबकि यह राज्य द्वारा किए गए विकास कार्यों को प्रचारित करने में शामिल है.

जस्टिस डी के उपाध्याय और ओपी शुक्ला की बेंच ने मोतीलाल यादव द्वारा दायर याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार के 10 मार्च 2023 के फैसले को चुनौती दी गई थी. सरकार ने रामनवमी के अवसर पर प्रत्येक जिले को 1 लाख रुपये आवंटित किए थे.

अदालत का आदेश 22 मार्च को पारित किया गया था, लेकिन मंगलवार को ही अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया था. अपने आदेश में पीठ ने कहा था कि यदि राज्य नागरिकों से एकत्र किए गए टैक्स में से कुछ पैसा खर्च करता है और कुछ राशि किसी धार्मिक संप्रदाय को कुछ सुविधाएं या सुविधाएं प्रदान करने के लिए विनियोजित करता है, तो यह संविधान के अनुच्छेद 27 का उल्लंघन नहीं होगा.

अदालत ने ये भी कहा कि हमें हमेशा ध्यान रखना होगा कि यह एक धर्मनिरपेक्ष गतिविधि और धार्मिक गतिविधि के बीच अंतर की एक स्पष्ट रेखा मौजूद है जो राज्य द्वारा की जा सकती है, जैसे धर्म या धार्मिक संप्रदाय के रखरखाव और प्रचार में राज्य की सुविधा और सुविधाएं प्रदान करना.

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के आदेश को गलत समझा. सरकार के आदेश में किसी भी व्यक्ति को किसी भी राशि के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है. बल्कि राशि का भुगतान उन कलाकारों या कारीगरों को किया जाना है जो ऐसे अवसरों पर प्रदर्शन कर रहे होंगे.

यूपी सरकार के आदेश में कहा गया था कि अष्टमी और रामनवमी को प्रमुख मंदिरों और ‘शाक्तिपीठों’ में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया जाए ताकि मानवीय, सामाजिक और राष्ट्रीय मूल्यों का प्रसार किया जा सकें. इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक, तहसील और जिले में एक आयोजन समिति गठित की जाए.

प्रत्येक जिले में डीएम की अध्यक्षता वाली एक समिति उन कलाकारों का चयन करेगी जो कार्यक्रमों में प्रदर्शन करेंगे. आदेश के अनुसार, जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए और बड़ी जन भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. आदेश में कहा गया कि संस्कृति विभाग इन कार्यक्रमों के लिए चुने गए कलाकारों को मानदेय के रूप में भुगतान करने के लिए प्रत्येक जिले को एक लाख रुपये उपलब्ध कराएगा.

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

सुलतानपुर 23 अगस्त/वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत बैंक ऑफ़ बड़ौदा सुलतानपुर व वाराणसी कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय तक पहुंच बनाने हेतु जन सुरक्षा संतृप्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार श्री एम. नागराजू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त चांद, महाप्रबंधक विमल कुमार नेगी, अंचल प्रमुख शैलेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, प्रशिक्षु आईएएस रिदम आनन्द सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं बैंक ऑफ बड़ौदा समूह के अधिकारी/कर्मचारीगण, स्वयं सहायता समूह के सदस्य आदि मौजूद रहे।  
          मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का पुष्पगुच्छ व ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। पल्लवी नाट्य संस्थान के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
         तत्पश्चात कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्रालय के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन योजनाओं पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई, पीएमजेडीवाई, खाता खोलने, नामांकन के महत्व, पुनः-केवाईसी और डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं तक निर्बाध पहुंच और धोखाधड़ी की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खातों के अन्तर्गत बहुत बड़ी संख्या में अभी तक लोगों द्वारा ईकेवाईसी व नॉमिनी आदि का अंकन नहीं किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से वित्तीय समावेशन का  जनजागरूकता  अभियान चलाकर आम जनमानस तक बैंकिंग सेवाओं की पहंुच बढ़ाना है तथा लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
        वित्त सचिव महोदय ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से अब तक देश की 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को कवर कर लिया गया है, अब तक 21 लाख  लोगों का प्रधानमंत्री जनधन खाता खुल चुका है, 23 लाख लोग पीएम जीवन सुरक्षा योजना, 40 लाख लोग प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं 8.5 लाख लोग अटल पेंशन योजना का लाभ ले रहे है।
        मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बैंकों के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराया जाता है। यहां उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा बैंकिंग सम्बन्धी समस्त सुविधाएं निचले स्तर तक लोगों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
        वित्तीय समावेशन कार्यशाला में बड़ी संख्या में समूह की महिलाओं व् बी.सी. सखियों ने भागीदारी की, मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पात्र लाभार्थियों- सीमा देवी को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, किरन देवी, मुफीद अहमद, दीपक कुमार, अजीत कुमार मिश्रा को पीएमजेजेबीवाई योजनान्तर्गत 2-2 लाख रुपये का चेक वितरित किया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह- प्रधान महिला जय बजरंगबली, शिव शक्ति, मॉ काली प्रेरणा को 6-6 लाख रुपए का चेक वितरित किया गया।

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