मुख्य विकास अधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का किया निरीक्षण
सीडीओ के निरीक्षण में खुली डीआईओएस कार्यालय में व्याप्त मनमानी की पोल.!*
*संचारी रोग अभियान के प्रति संवेदनहीन मिले कर्मचारियों की जांच शुरू.!*
*मनबढ़ कर्मियों से 03 दिन के अंदर सीडीओ ने किया जवाब तलब.!*
*➡️सुलतानपुर।⬅️* जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 02 पटल सहायको के पटल का निरीक्षण किया गया। पृच्छा करने पर अवगत कराया गया कि जिला विद्यालय निरीक्षक वीडियो कांफ्रेंसिंग हेतु एनआईसी विकास भवन गये हुये है।
निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया गया। अवलोकन करने पर यह पाया गया कि राजेश कुमार का आकस्मिक अवकाश प्रार्थना पत्र पंजिका में सलंग्न किया गया है, जो जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा स्वीकृत नही है। वही जब आकस्मिक अवकाश पंजिका का अवलोकन किया तो पाया गया कि उक्त आकस्मिक अवकाश को आकस्मिक अवकाश पंजिका में अंकित ही नही किया गया है, तथा गत 07 माह के कई आकस्मिक अवकाश प्रार्थना पत्र ऐसे है, जिन्हे न तो जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा स्वीकृत किया गया है और न ही आकस्मिक अवकाश पंजिका में अंकित किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दिनांक 22 जुलाई 2021 को उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया गया है। इनके अवलोकन के बावजूद सम्बन्धित पटल सहायक राज कुमार पाठक द्वारा स्थापना के कार्य में रुचि नही ली गयी है, जो लापरवाही का द्योतक है। जिसपर निर्देशित किया गया कि जिला विद्यालय निरीक्षक उक्त पटल सहायक के कार्य की समीक्षा कर ले तथा प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये कि स्थापना से सम्बन्धित पंजिकायें अद्यतन कर ली गयी है। तत्समय तक राज कुमार पाठक पटल सहायक का वेतन अग्रिम आदेशो तक अदेय किया जाता है।
*कनिष्ठ लिपिक की भी लापरवाही हुई उजागर.!*
*➡️सुलतानपुर।* कक्ष के बगल के एक मेज पर संचारी रोग अभियान से सम्बन्धित पम्फलेट रखे हुये थे। सम्बन्धित सहायक से पृच्छा करने पर अवगत कराया गया कि यह सामग्री जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय से प्राप्त हुई थी तथा उन्हे विद्यालयो को सुरजीत, कनिष्ठ लिपिक द्वारा वितरित किये जाने थे। प्राप्त सामग्री को पटल सहायक द्वारा किस स्टाॅक पंजिका में अंकन किया गया था, नही दिखाया जा सका। पहले तो पटल सहायक द्वारा यह अवगत कराया गया कि केवल मेज पर रखी सामग्री अवशेष रह गयी है, बाकी सम्पूर्ण सामग्री विद्यालयों को प्राप्त करा दी गयी है। यह पूछने पर क्या सामग्री प्राप्त कराते समय विद्यालयो से कोई प्राप्ति रसीद ली गयी है, नही दिखायी जा सकी। जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्राप्त किये गये सामग्री को मिलान करने पर यह पाया गया कि पटल सहायक द्वारा अपने उच्चाधिकारी को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा था क्योकि 1000 पम्फ़प्लेट, 100 पोस्टर एवं 10 बैनर दिया गया था, जिनमे से 01 का भी वितरण किसी विद्यालय को नही किया गया था। जबकि संचारी रोग अभियान दिनांक 01 जुलाई, 2021 से प्रारम्भ होकर 31 जुलाई, 2021 तक संचालित है, जो आज 28 जुलाई, 2021 तक सामग्री वितरण न होना, पटल सहायक की घोर लापरवाही का परिचायक है।
*कईं वर्षो से जमे है दो पटल सहायक, मनमानी कार्यशैली की हुई पुष्टि.!*
*➡️सुलतानपुर।* जिला विद्यालय निरीक्षक से उक्त दोनो पटल सहायकों के कार्य शैली के बारे मे पूछने पर उनके द्वारा अवगत कराया गया कि सम्बन्धित पटल सहायक स्वेच्छाचारिता करते है तथा इनसे कार्य लेना अत्यन्त कठिन है। यह कई वर्षो से कार्यरत है एवं अपने उच्चाधिकारी के निर्देशो का पालन नही करते है। इनकी कार्य करने की असमर्थता इसी बात से परिलक्षित होती है कि ये 01 पत्र भी टंकित कर प्रस्तुत नही कर पाते, इसके लिये भी जिला विद्यालय निरीक्षक को स्वयं इनके साथ बैठकर कराना होता है।
*कर्मचारी स्थानान्तरण के पश्चात भी कार्यालय से नही हुए अवमुक्त.!*
*➡️सुलतानपुर।* अधोहस्ताक्षरी द्वारा यह प्रश्न करने पर कि क्या उक्त कर्मचारी की कर्तव्य परायणता के बारे मे जिलाधिकारी अथवा अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराया गया है, के बारे मे कोई उत्तर नही दिया जा सका। इससे जिला विद्यालय निरीक्षक की लापरवाही भी परिलक्षित होती है। इन्हे निर्देशित किया जाता है कि पटल सहायको एवं अन्य कर्मचारियों/अधिकरियों के कार्य विभाजन से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराये तथा पूर्व में उनके द्वारा दिये गये किसी कार्य को पटल सहायको द्वारा मना किया गया है, अवगत करायें। यदि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर कोई पत्राचार उनके द्वारा किया गया है, तो उसकी एक प्रतिलिपि अधोहस्ताक्षरी के समक्ष रखे तथा यह भी अवगत कराये कि स्थानान्तरण नीति के अनुसार किन कर्मचारियो का स्थानन्तरण किया जाना चाहिये था तथा जैसा उनके द्वारा अवगत कराया गया कि यदि कोई कर्मचारी स्थानान्तरण के पश्चात भी कार्यालय से अवमुक्त नही हुआ है तो अधोहस्ताक्षरी कोे 03 दिवस में अवगत करायें।