महिला सिपाही की दोस्ती में खलल पड़ते ही दरोगा ने खा लिया जहर हुआ बड़ा खुलासा

उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में दरोगा के जहर खाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ऐसा बताया जा रहा है कि थाने से निकलने के बाद दरोगा मेडिकल स्टोर में जहर खरीदने गया था लेकिन वहां पर दुकानदार ने देने से मना कर दिया। उसके बाद भी उसने सल्फास खा लिया।  कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में दरोगा के सल्फास खाने के मामले में पुलिस की जांच में एक बड़ा सच सामने आया है। दरअसल गुरुवार को दरोगा अनूप सिंह फजलगंज थाने पहुंचा था। उसके बाद यहां पर उनका कुछ विवाद हुआ और यहां से निकलकर सल्फास खरीद कर खा लिया। हालत खराब होने पर आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि आखिर फजलगंज थाने में किससे, क्या विवाद हुआ था। इसके अलावा वह वहां क्यों पहुंचा था। दो साल पहले फजलगंज थाने में दरोगा की थी तैनाती जानकारी के अनुसार मूल रूप से उरई के एट निवासी और आउटर में तैनात दरोगा अनूप सिंह दो महीने से निलंबित चल रहा है। सल्फास खाने के बाद उनको शहर के सर्वोदयनगर स्थिति एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। दो साल पहले दरोगा अनूप सिंह फजलगंज थाने में तैनात था। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसकी दोस्ती एक महिला सिपाही से थी। किसी दूसरे से महिला सिपाही की दोस्ती हो जाने पर अनूप फजलगंज थाने पहुंचा था। इस घटना के बाद 12 नवंबर से महिला सिपाही छुट्टी पर चली गई है। पर बताया जा रहा है कि उसको छुट्टी पर भेजा गया है। वहीं दूसरी ओर थानेदार भी तीन दिन तक मामला दबाए रहा। मेडिकल स्टोर में सल्फास लेने के लिए पहुंचा था दरोगा एक मेडिकल स्टोर संचालक से पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने बताया कि दरोगा सल्फास लेने आया था लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया था। एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह का कहना है कि अनूप सिंह ने सिपाही के साथ शराब भी पी थी। अचानक से अनूप की तबीयत बिगड़ी तो सिपाही उसको कार में लेकर इधर उधर घूम रहा था। उन्होंने आगे बताया कि तभी चुन्नीगंज में गाड़ी टकरा गई थी। इसकी सूचना पर कर्नलगंज पुलिस पहुंची तब पता चला कि दरोगा अनूप सल्फास खाए हुए है। जांच में सामने आए तथ्यों पर होगी की जाएगी कार्रवाई एसपी तेज स्वरूप सिंह आगे बताते है कि मामले की जांच सीओ लाइन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दरोगा ने जहर कहां पर खाया यह अभी पता नहीं चला है। कमिश्नरी पुलिस ने भी अपने स्तर से जांच शुरू कराई है। कर्नलगंज पुलिस ने ही उनको भर्ती कराया था। इस वजह से सिपाही भी सवालों के घेरे में है। सिपाही यह भी नहीं बता रहा है कि अनूप ने सल्फास कहां से ली और कहां पर जाकर खाया। इसके अलावा वह अस्पताल में भर्ती करने की जगह इधर उधर क्यों घूम रहा था। डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है और जांच कराई जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि जांच में जो तथ्य सामने आए है, उसके आधार पर कार्रवाई होगी। 

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

सुलतानपुर 23 अगस्त/वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत बैंक ऑफ़ बड़ौदा सुलतानपुर व वाराणसी कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय तक पहुंच बनाने हेतु जन सुरक्षा संतृप्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार श्री एम. नागराजू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त चांद, महाप्रबंधक विमल कुमार नेगी, अंचल प्रमुख शैलेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, प्रशिक्षु आईएएस रिदम आनन्द सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं बैंक ऑफ बड़ौदा समूह के अधिकारी/कर्मचारीगण, स्वयं सहायता समूह के सदस्य आदि मौजूद रहे।  
          मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का पुष्पगुच्छ व ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। पल्लवी नाट्य संस्थान के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
         तत्पश्चात कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्रालय के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन योजनाओं पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई, पीएमजेडीवाई, खाता खोलने, नामांकन के महत्व, पुनः-केवाईसी और डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं तक निर्बाध पहुंच और धोखाधड़ी की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खातों के अन्तर्गत बहुत बड़ी संख्या में अभी तक लोगों द्वारा ईकेवाईसी व नॉमिनी आदि का अंकन नहीं किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से वित्तीय समावेशन का  जनजागरूकता  अभियान चलाकर आम जनमानस तक बैंकिंग सेवाओं की पहंुच बढ़ाना है तथा लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
        वित्त सचिव महोदय ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से अब तक देश की 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को कवर कर लिया गया है, अब तक 21 लाख  लोगों का प्रधानमंत्री जनधन खाता खुल चुका है, 23 लाख लोग पीएम जीवन सुरक्षा योजना, 40 लाख लोग प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं 8.5 लाख लोग अटल पेंशन योजना का लाभ ले रहे है।
        मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बैंकों के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराया जाता है। यहां उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा बैंकिंग सम्बन्धी समस्त सुविधाएं निचले स्तर तक लोगों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
        वित्तीय समावेशन कार्यशाला में बड़ी संख्या में समूह की महिलाओं व् बी.सी. सखियों ने भागीदारी की, मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पात्र लाभार्थियों- सीमा देवी को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, किरन देवी, मुफीद अहमद, दीपक कुमार, अजीत कुमार मिश्रा को पीएमजेजेबीवाई योजनान्तर्गत 2-2 लाख रुपये का चेक वितरित किया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह- प्रधान महिला जय बजरंगबली, शिव शक्ति, मॉ काली प्रेरणा को 6-6 लाख रुपए का चेक वितरित किया गया।

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