नाम बदलना मौलिक अधिकार: उच्च न्यायालय प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि पसंद का नाम रखने या व्यक्तिगत पसंद के अनुसार नाम बदलने का अधिकार भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के दायरे में आता है. न्यायमूर्ति अजय भनोट ने समीर राव की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसमें उत्तर प्रदेश के बरेली में माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय सचिव ने नाम बदलने वाले एक आवेदन को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने उत्तरदाताओं को याचिकाकर्ता को शाहनवाज से एमडी समीर राव में अपना नाम बदलने और उक्त परिवर्तन को शामिल करते हुए नए हाई स्कूल (कक्षा 10) और इंटरमीडिएट (कक्षा 12) प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड द्वारा हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा प्रमाणपत्रों में अपना नाम बदलने के लिए अपने आवेदन की अस्वीकृति को चुनौती दी थी. अपने फैसले में, हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पसंद का नाम रखने या व्यक्तिगत वरीयता के अनुसार नाम बदलने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (अ), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के दायरे में आता है. हाईकोर्ट ने कहा, अधिकारियों ने मनमाने ढंग से नाम बदलने के आवेदन को खारिज कर दिया और कानून में खुद को गलत तरीके से निर्देशित किया. अधिकारियों की कार्रवाई अनुच्छेद 19 (1) (ए), अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 14 के तहत गारंटीकृत याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. तथ्यों के अनुसार, माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 2013 और 2015 में जारी किए गए हाई स्कूल परीक्षा प्रमाण पत्र और इंटरमीडिएट परीक्षा प्रमाण पत्र में याचिकाकर्ता का नाम क्रमश: शाहनवाज के रूप में दर्ज था. सितंबर-अक्टूबर 2020 में, उसने सार्वजनिक रूप से अपना नाम शाहनवाज से बदलकर एमडी समीर राव करने का खुलासा किया. इसके बाद, उसने 2020 में बोर्ड में अपना नाम शाहनवाज से बदलकर एमडी समीर राव करने के लिए आवेदन किया. 24 दिसंबर, 2020 उक्त आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था.

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

सुलतानपुर 23 अगस्त/वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत बैंक ऑफ़ बड़ौदा सुलतानपुर व वाराणसी कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय तक पहुंच बनाने हेतु जन सुरक्षा संतृप्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार श्री एम. नागराजू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त चांद, महाप्रबंधक विमल कुमार नेगी, अंचल प्रमुख शैलेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, प्रशिक्षु आईएएस रिदम आनन्द सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं बैंक ऑफ बड़ौदा समूह के अधिकारी/कर्मचारीगण, स्वयं सहायता समूह के सदस्य आदि मौजूद रहे।  
          मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का पुष्पगुच्छ व ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। पल्लवी नाट्य संस्थान के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
         तत्पश्चात कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्रालय के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन योजनाओं पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई, पीएमजेडीवाई, खाता खोलने, नामांकन के महत्व, पुनः-केवाईसी और डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं तक निर्बाध पहुंच और धोखाधड़ी की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खातों के अन्तर्गत बहुत बड़ी संख्या में अभी तक लोगों द्वारा ईकेवाईसी व नॉमिनी आदि का अंकन नहीं किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से वित्तीय समावेशन का  जनजागरूकता  अभियान चलाकर आम जनमानस तक बैंकिंग सेवाओं की पहंुच बढ़ाना है तथा लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
        वित्त सचिव महोदय ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से अब तक देश की 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को कवर कर लिया गया है, अब तक 21 लाख  लोगों का प्रधानमंत्री जनधन खाता खुल चुका है, 23 लाख लोग पीएम जीवन सुरक्षा योजना, 40 लाख लोग प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं 8.5 लाख लोग अटल पेंशन योजना का लाभ ले रहे है।
        मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बैंकों के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराया जाता है। यहां उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा बैंकिंग सम्बन्धी समस्त सुविधाएं निचले स्तर तक लोगों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
        वित्तीय समावेशन कार्यशाला में बड़ी संख्या में समूह की महिलाओं व् बी.सी. सखियों ने भागीदारी की, मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पात्र लाभार्थियों- सीमा देवी को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, किरन देवी, मुफीद अहमद, दीपक कुमार, अजीत कुमार मिश्रा को पीएमजेजेबीवाई योजनान्तर्गत 2-2 लाख रुपये का चेक वितरित किया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह- प्रधान महिला जय बजरंगबली, शिव शक्ति, मॉ काली प्रेरणा को 6-6 लाख रुपए का चेक वितरित किया गया।

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