अब संविदा कर्मियों को हटाने के लिए विभाग से लेनी होगी अनुमति योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया

योगी सरकार ने कंपनियों की मनमानी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाने के लिए उससे संबन्धित विभाग से अनुमति लेनी होगी। विभागों में एजेंसियों के जरिए काम करने वाले संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के शोषण की शिकायत को लेकर यूपी सरकार गंभीर है। व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और आउटसोर्सिंग भर्तियों की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने के लिए नई नियमावली तैयार की जा रही है। इसमें यह व्यवस्था की जा रही है कि एजेंसियों को किसी आउटसोर्सिंग कर्मचारी को हटाने के लिए उस विभाग से संस्तुति लेनी होगी, जहां वह काम कर रहा है। कपड़े, स्मार्टवॉच, ज्वैलरी पर बंपर ऑफर, 60% तक की मिल रही छूट कोविड की आपदा रही हो या अन्य महत्वपूर्ण मौके, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी तारीफ करते हुए पिछले दिनों कहा था कि आउटसोर्सिंग कार्मिकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कर्मियों का मानदेय समय पर और पूरा मिले। किसी भी दशा में कर्मचारी का आर्थिक या मानसिक शोषण नहीं होना चाहिए। सीएम की मंशा को अमल में लाने के लिए सेवायोजन विभाग नई नियमावली बना रहा है। विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि इसके लिए हरियाणा और दूसरे राज्यों की नीतियों का अध्ययन किया गया है। इसके आधार पर नियमावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ईपीएफ पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सबसे बड़ी शिकायत उनके ईपीएफ और कर्मचारी बीमा का पैसा समय से न जमा किए जाने की होती है। कई बार एजेंसियां कर्मचारियों का पैसा तो काट लेती हैं, लेकिन इसे जमा नहीं करती हैं, इसलिए नई व्यवस्था में ईपीएफ पोर्टल पर सभी विभागों और एजेंसियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाएगा। एजेंसी को मानेदय का भुगतान तभी किया जाएगा, जब वह कर्मचारियों के ईपीएफ और बीमा का पैसा जमा करने का प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएगी। हर महीने की एक तारीख निश्चित की जाएगी, जिससे पहले कर्मचारियों का अंश एजेंसियों को जमा करना अनिवार्य होगा। विभाग के स्तर से भी इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। एजेंसी की अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाने पर भी बहुत बार कर्मचारियों को निकाले जाने की शिकायतें आती हैं। इस पर लगाम लगाने की व्यवस्था की जा रही है। किसी भी कर्मचारी को हटाने के लिए संबंधित विभाग की संस्तुति अनिवार्य करने की तैयारी है। इससे एजेंसियों की मनमानी रोकी जा सकेगी। इन बदलाव की तैयारी विभागों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरी जाने वाली रिक्तियों को चयनित एजेंसी सेवायोजन पोर्टल पर अपलोड करती है। अभ्यर्थी आवेदन करते हैं और सेवाप्रदाता एजेंसी रेंडम सूची से अभ्यर्थियों का चयन करती है। इस प्रक्रिया मे बदलाव किया जाएगा। नई नियमावली में प्रस्ताव किया जा रहा है कि रैंडमाइजेशन की जगह शैक्षिक योग्यता के आधार पर मेरिट से अभ्यर्थियों का चयन किया जाए। इंटरव्यू के कुल अंक 20% से अधिक न हों। भर्ती प्रक्रिया की टाइमलाइन तय करते हुए 20 से 30% अभ्यर्थियों की वेटिंग लिस्ट भी तैयार की जाए। चयन प्रक्रिया में संबंधित विभाग का प्रतिनिधि शामिल किया जाना भी अनिवार्य बनाया जाएगा। अभ्यर्थियों के लिए सेवायोजन पोर्टल पर सभी शैक्षणिक व तकनीकी योग्यताओं का प्रमाणपत्र अपलोड करना भी अनिवार्य करने की तैयारी है। इससे फर्जीवाड़े या अयोग्य अभ्यर्थियों के रखे जाने की आशंका को खत्म किया जा सकेगा।

मिशन विजय

Mission Vijay Hindi News Paper Sultanpur, U.P.

सुलतानपुर 23 अगस्त/वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत बैंक ऑफ़ बड़ौदा सुलतानपुर व वाराणसी कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय तक पहुंच बनाने हेतु जन सुरक्षा संतृप्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार श्री एम. नागराजू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त चांद, महाप्रबंधक विमल कुमार नेगी, अंचल प्रमुख शैलेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, प्रशिक्षु आईएएस रिदम आनन्द सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं बैंक ऑफ बड़ौदा समूह के अधिकारी/कर्मचारीगण, स्वयं सहायता समूह के सदस्य आदि मौजूद रहे।  
          मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा मुख्य अतिथि सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का पुष्पगुच्छ व ओ.डी.ओ.पी. उत्पाद मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। पल्लवी नाट्य संस्थान के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
         तत्पश्चात कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्रालय के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन योजनाओं पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई, पीएमजेडीवाई, खाता खोलने, नामांकन के महत्व, पुनः-केवाईसी और डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं तक निर्बाध पहुंच और धोखाधड़ी की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खातों के अन्तर्गत बहुत बड़ी संख्या में अभी तक लोगों द्वारा ईकेवाईसी व नॉमिनी आदि का अंकन नहीं किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से वित्तीय समावेशन का  जनजागरूकता  अभियान चलाकर आम जनमानस तक बैंकिंग सेवाओं की पहंुच बढ़ाना है तथा लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
        वित्त सचिव महोदय ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से अब तक देश की 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को कवर कर लिया गया है, अब तक 21 लाख  लोगों का प्रधानमंत्री जनधन खाता खुल चुका है, 23 लाख लोग पीएम जीवन सुरक्षा योजना, 40 लाख लोग प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं 8.5 लाख लोग अटल पेंशन योजना का लाभ ले रहे है।
        मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बैंकों के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराया जाता है। यहां उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा बैंकिंग सम्बन्धी समस्त सुविधाएं निचले स्तर तक लोगों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
        वित्तीय समावेशन कार्यशाला में बड़ी संख्या में समूह की महिलाओं व् बी.सी. सखियों ने भागीदारी की, मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पात्र लाभार्थियों- सीमा देवी को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, किरन देवी, मुफीद अहमद, दीपक कुमार, अजीत कुमार मिश्रा को पीएमजेजेबीवाई योजनान्तर्गत 2-2 लाख रुपये का चेक वितरित किया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह- प्रधान महिला जय बजरंगबली, शिव शक्ति, मॉ काली प्रेरणा को 6-6 लाख रुपए का चेक वितरित किया गया।

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