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1 जून से बैंकिंग और इनकम टैक्स ई-फाइलिंग सहित होंगे ये 5 बड़े बदलाव, इसका आप पर भी होगा सीधा असर*काम की बात:*

*1 जून से बैंकिंग और इनकम टैक्स ई-फाइलिंग सहित होंगे ये 5 बड़े बदलाव, इसका आप पर भी होगा सीधा असर*


*बैंक ऑफ बड़ौदा में 1 जून से लागू होगा पॉजिटिव पे सिस्टम*

बैंक ऑफ बड़ौदा में 1 जून से चेक से पेमेंट का तरीका बदलने वाला है। धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने के लिए बैंक के ग्राहकों के लिए पॉजिटिव पे कन्फर्मेशन अनिवार्य हो जाएगा। इस सिस्टम को लागू करने का मकसद चेक के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को रोकना है। ग्राहकों को पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत चेक की डिटेल्स को तभी रिकन्फर्म करना होगा, जब वे 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा के बैंक चेक जारी करेंगे।

पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत चेक जारी करने वाले को उस चेक से जुड़ी कुछ जानकारी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान करने वाले बैंक को देनी होगी। यह जानकारी SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या ATM के जरिए दी जा सकती है।

*बदल जाएंगी गैस सिलेंडर की कीमतें*

बता दें देश की सरकारी तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर की कीमतें तय करती हैं। कीमतों में इजाफा भी हो सकता है और राहत भी मिल सकती है। ऐसे में 1 जून को सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हो सकता है।

*ज्यादा गूगल स्टोरेज के लिए देने होंगे अलग से पैसे*

गूगल फोटोज में 1 जून के बाद से अनलिमिटेड फोटोज अपलोड नहीं कर सकेंगे। गूगल के मुताबिक 15GB का स्पेस हर जीमेल यूजर्स को दिया जाएगा। इस स्पेस में जीमेल के ईमेल भी शामिल हैं और साथ ही आपके फोटोज भी। इसमें गूगल ड्राइव भी शामिल है। अगर 15GB से ज्यादा स्पेस यूज करना है तो इसके लिए पैसे देने होंगे। अभी तक अनलिमिटेड स्टोरेज फ्री था।

*1 जून से बंद रहेगी इनकम टैक्स ई-फाइलिंग की साइट*

1 से 6 जून तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ई-फाइलिंग पोर्टल काम नहीं करेगा। वहीं 7 जून को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग का नया पोर्टल लॉन्च करेगा। आयकर निदेशालय के अनुसार ITR भरने की आधिकारिक वेबसाइट 7 जून 2021 से बदल जाएगी। 7 जून से ये http://INCOMETAX.GOV.IN हो जाएगा। अभी ये http://incometaxindiaefiling.gov.in है।

*शुरू होगी अनलॉक की प्रोसेस*

दिल्ली और मध्य प्रदेश में 1 जून से लॉकडाउन से राहत मिल सकती है। देश में कोरोना के केस कम होने लगे हैं। इसको देखते हुए ही लॉकडाउन से राहत देने का फैसला लिया जा सकता है। हालांकि ज्यादा केस वाले शहरों में राहत की उम्मीद कम ही है।